Vimla Jain

Romance Inspirational

4.7  

Vimla Jain

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एक विवाह ऐसा भी

एक विवाह ऐसा भी

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कभी-कभी बड़े लोग भी खाली अपनी जिद और अड़ियल पन के कारण बच्चों की जिंदगी को बर्बाद करने में कोई कसर नहींछोड़ते है। वे सोचते हैं कि हमने बच्चों को पढ़ाया है तैयार करा है,तो उनके भविष्य को जिस तरह हमने पढ़ा कर तैयार करा है तो आगे भी उनकी जिंदगी की डोर भी अपने हाथ में ले ले ।

जबकि यह सब संभव नहीं है जब आप बच्चे को उच्च शिक्षा के लिए पूरा आकाश देते हैं तो उनके मनपसंद जीवनसाथी चुनने का अधिकार क्यों नहीं ।

उसमें क्यों बांध छोड़।जबकि अगर बच्चे अपनी पसंद से चुनाव करते हैं तो वे उनका कॉम्पिटेटिव होता है और उनकी पसंद ना पसंद एक जैसी होती है ।

हां अगर पात्र गलत हो तो मां-बाप को कारण बताकर उसका विरोध करने का पूरा हक है । वे दोनों साथ पढ़ते थे इंजीनियरिंग कॉलेज में प्राप्त पढ़ाई कर रहे थे।

प्रथम वर्ष से ही दोनों एक दूसरे को पसंद करते थे लड़का बहुत ही होशियार था पढ़ाई में।उसके साथ साथ में लाइब्रेरी में रोज पढ़ते लड़की भी उतनी ही होशियार हो गई ।दोनों ही काफी सौम्य सुशील और व्यवहार कुशल थे। पढ़ते-पढ़ते दोनों ने शादी का कमिटमेंट किया ।दोनों खाली पढ़ाई साथ करते थे और बाकी ग्रुप में रहते थे घूमना फिरना सब उनके ग्रुप में होता था । कभी अकेले कहीं घूमने नहीं गए सब मतलब किसी को कुछ पता नहीं लगा कि क्या है। जब पढ़ाई कंप्लीट हो गई सब लड़के ने जॉब ज्वाइन कर लिया और लड़की ने आगे पढ़ाई करी। फिर इन लोगों ने घर पर बात करी लड़के के मां बाप ने मना कर दिया कि भले कुछ भी हो जाए हम यह शादी नहीं करेंगे । भले तुम कितना भी इंतजार करो 10 साल भी इंतजार करो तब भी हम यह शादी नहीं करेंगे। लड़की के पेरेंट्स शादी के लिए मान गए ।

मगर उन्होंने लड़के को पूरा परखा डेढ़ साल तक जब वह एकदम पक्का नहीं हो गया कि मैं अब शादी को तैयार हूं। पेरेंट्स का भी सामना कर सकता हूं। लड़की के पेरेंट्स ने अब उसकी बात को मान्य रखा सोचा एक बार लड़के के पेरेंट्स से मिल लिया जाए ।अगर वे लोग मान जाए तो अच्छा रहेगा शादी की अच्छी तरह हो जाए। मगर मिलने पर वह लोग नहीं माने और थोड़े वगदार लोग थे ।

इसलिए शादी के बीच में कोई अड़चन ना आए और लड़की का  मोभा भी सच वाया रहे इसलिए उसके मां बाप ने एक होटल में शादी की व्यवस्था करी। और अपने सब दोस्तों को एकदम शॉर्ट नोटिस पर बुलाया और उनको बोला सुबह से शाम तक जब तक शादी पूरी नहीं हो जाती तब तक आपको होटल में ही रुकना है ।साथ में एक वकील भी बिठा दिया और वहीं पर पूरे विधि विधान से दोनों की शादी करी ,और रजिस्टर मैरिज भी करी। उसके बाद सब का आशीर्वाद लेकर यह शादी संपूर्ण हुई । और वह दोनों अपनी सुखी जिंदगी जीने लगे ।और दोनों अपनी जिंदगी में बहुत सुखी है आज तो उनके पेरेंट्स ही उनके साथ हैं ।और उनके पेरेंट्स का सबसे ज्यादा ध्यान भी वे दोनों ही रखते हैं। कभी-कभी उन लोगों को लगता भी होगा कि हम खुशी से मंजूरी दे देते तो यह शादी का मजा कुछ और ही होता ।

तो इस तरह से यह एक ऐसा विवाह था जिसमें लड़का लड़की उनके पूरे दोस्त और लड़की के पापा मम्मी के पूरे दोस्त दोस्त और कुछ रिश्तेदार पूरे दिन शादी में रहे पूरी विधि विधान से शादी संपन्न हुई।और सब खुशी-खुशी अपने घर गए। और बोलते हैं कि हमने ऐसी शादी कभी नहीं लिख कर इतना एंजॉय कभी नहीं करा शादी में ।



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