Gita Parihar

Inspirational Others

2  

Gita Parihar

Inspirational Others

एक लीटर पानी से पेड़ उगाना

एक लीटर पानी से पेड़ उगाना

3 mins
244


क्या एक लीटर पानी से पेड़ उगाया जा सकता है ? 

एक 68 वर्षीय किसान ने 50 हजार पेड़ उगा कर यह कर दिखाया है। इससे भी अधिक सिकदर, राजस्थान के सुरेंद्र वर्मा ने 7 लाख लीटर वर्षा जल संचयन कुछ ही दिनों में कर दिखाया है।

यदि कोई आपसे कहे कि एक पेड़ उगाने के लिए एक लीटर पानी चाहिए तो आप उसे पागल ही समझेंगे।

और यही सुरेंद्र वर्मा को माना जा रहा था। जब तक यह उन्होंने यह करके नहीं दिखाया।

उन्हें 1985 में इस तकनीक जिसे ड्राई लैंड एग्रोफोरेस्ट्री कहा जाता है के बारे में जानकारी हुई।

 इस प्रयोग से पूर्व, बारिश से पहले वर्मा ने कई पौधे लगभग 17 एकड़ जमीन पर लगाये,किंतु पानी न मिलने के कारण वे सभी अगली गर्मियों तक मुरझा गए। दोबारा उन्होंने जमीन में छोटे छोटे गड्ढे खोदे और नींबू ,मिर्च, धनिया बोया। चावल, दाल, अनाज ,फल और सब्जियां भी लगाईं। इसके बाद वे ज़मीन को समतल करने में लग गए, जो सिलसिला सितंबर तक चला। फसलों की कटाई का समय आ गया और वे उसमें व्यस्त हो गए।

 पौधों को पानी देना है, यह उन्हें याद नहीं रहा। उनके आश्चर्य की सीमा न रही, जब उन्होंने देखा कि वो पौधे मुरझाए नहीं थे।ब हुत गहन सोच-विचार के बाद उन्हें यह समझ में आया कि भूमि समतल करने से पानी की कैपिलरी क्रिया के कारण पौधों को नमी मिलती रही, जिससे वे नहीं मुरझाए।

अगले कुछ महीने वे इस प्रक्रिया को दोहराते रहे। गड्ढे खोदते, पौधे लगाते और ज़मीन को समतल करते। वे इस नतीजे पर पहुंचे कि भूमिगत वर्षाजल खरपतवार के ऊपर की ओर मूवमेंट से भाप बन जाता था और सतह सूख जाती थी। कैपिलरी क्रिया के कारण पानी जमीन के अंदर ही बंध जाता था और पौधे सूखे क्षेत्र में भी मुरझाते नहीं थे।

इस बीच उन्हें इंडियन एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट नई दिल्ली के कृषि विज्ञान केंद्र में भी ड्राई लैंड फॉर्मिंग सीखने का एक सुनहरा मौका मिला। इस 2 महीने के प्रशिक्षण ने उन्हें और भी सहायता दी। अंततः 10 वर्षों के कठिन प्रयास के बाद वे फलदार वृक्षों को भी इसी विधि से उगाने में सफल हो गए हैं।इसे अन्य किसान भी कर सकते हैं यदि वे कुछ आसान तरीके अपनाएं।

 1. वर्षा जल बह ना जाए इसलिए ज़मीन को समतल करना।

 2. बारिश होने के 5 -6 दिन बाद खेत की गुडाई करें, लगभग एक फुट गहरी और खरपतवार हटा दें, जिससे बारिश का पानी जमीन के अंदर जा सके।

3.दूसरी बार, बारिश के बाद लगभग 10 इंच और गहरी गुड़ाई करें, पहले की गहराई से अधिक, जिससे वर्षा जल को रोक सकें।

4. दूसरी गुडाई के कुछ दिन बाद एक फीट गहरे और 4-5 इंची चौड़े गड्ढे खोदें।

5.अब पौधे लगाएँ और सुनिश्चित करें कि उनकी जड़ें सतह से कम से कम 20 सेंटीमीटर नीचे हों। पौधों को गीले गोबर से ढक दें और उन्हें लंबे समय तक नम रखें।

6.अब गड्ढे मेंएक लीटर पानी डालें और पौधे को बढने दें।

यदि ये पहले 2 हफ्ते बच जाते हैं तो फिर बचे रहेंगे।

10 वर्ष पूर्व वर्मा ने अनार के 600 पौधे लगाए थे,इसी एक लीटर पानी की प्रक्रिया से और वे सभी फले फूले और नतीजा 100% रहा।


इसके अतिरिक्त उन्होंने सभी तरह के वृक्ष लगाए हैं जिनमें यूकेलिप्टस भी हैं जो राजस्थान जैसे सूखे क्षेत्र में बहुत ज्यादा पानी की मांगते हैं।

इस अनोखे तरीके के लिए उन्हें अनेक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिले, जैसे अवॉर्ड फॉर इन्नोवेटिव फार्मर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन सोशल पर्सपेक्टिव्स इन एग्रीकल्चर रिसर्च एंड डेवलपमेंट 2006 में, इंटरनेशनल अवॉर्ड फॉर एग्रोबायोडायवर्सिटी (आईडीआरसी) इंटरनेशनल डेवलपमेंट रिसर्च सेंटर इन कनाडा 2007 , नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन इंडिया अवॉर्ड फॉर स्काउटिंग (2005 और 2015 में)।

उन्हें इस तकनीक की जानकारी देने के लिए इंटरनेशनल ट्रीटी ऑन प्लांट जेनेटिक रिसोर्सेस फॉर फूड एंड एग्रीकल्चर रूम में 2007 को आमंत्रित किया गया।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Inspirational