Vanshraj suryvanshi

Abstract

2.5  

Vanshraj suryvanshi

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एक लड़की के जीवन कि कहानी

एक लड़की के जीवन कि कहानी

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कुछ तो लोग कहेंगे, लोगो काम है कहना, किसी ने सच ही कहा है कि लोग कहेंगे लोगो काम ही है कहना,

करीब दस बारह वर्ष पुरानी बात है, एक लड़की को दे

देखने उसके ससुराल वाले आते हैं,

वो लड़की बहुत ही सुन्दर थी लड़का और उसके परिवार वालों को लड़की पसंद आ जाती है,

और उनकी शादी हो जाती है,

सब कुछ ठीक ही चल रहा था कि, एक खुशखबरी आती हैं, लड़की कहती हैं कि मां जी में मां बनने वाली हूं,

सब बहुत खुश थे, और फिर उसने एक बेटे को जन्म दिया, वो लड़की बेटे के होने के बाद से ही उसके ससुराल वाले उसे परेशान करने लगे, क्योंकि उसका पति कमाता ही नहीं था,

और फिर वो लड़की कुछ दिन किराए से रहने लगती है,

उसका सारा खर्च उसके पापा ही उठाते थे,

फिर कुछ काम उसका पति भी करने लगा,

और धीरे धीरे सब कुछ ठीक ही हो रहा था कि

वो लड़की दुसरी बार फिर मां बन गई, कुछ दो साल के बाद सब बिगड़ गया और वो लड़की दोनों बेटों को लेकर उसके पापा के यहां आ गई, 

कुछ दिन बीत गए और उसके छोटे बच्चे कि अचानक तबियत बिगड़ गई और वह उसके पापा के साथ अस्पताल ले गए, उस लड़के ने तीन ही उल्टी में दम तोड़ दिया,

और उसके ससुराल वाले ने फिर उस लड़की के सामने भी नहीं देखा,

कुछ दिन के लिए उसे उसके ससुराल वाले उसे ससुराल लें ग्रे और फिर उसे पहले कि तरह ही उसे परेशान करने लगे, 

करीब चार पांच महीने के बाद उसे उसके पापा वापस ले आते हैं और फिर उसके बाद उसका पति उसे लेने सात साल के बाद आता है,

और आते ही जोर जोर से बाहर ही चिल्लाता है वो लड़की धीरे से आकर उस लड़के से बात करती हैं 

वो लड़का बात ही नहीं मानता है और उस लड़की के पापा पुलिस को सूचना दे देते हैं, पुलिस आकर उस लड़के को समझाती है पर फिर भी नहीं मानता है और फिर उस लड़के को पुलिस पकड़ कर ले जाती है

केस चलता है काफी दिनों तक और आज भी वह लड़की सिलाई करतीं हैं और उसके पापा के साथ ही रह रहीं हैं

आज उस लड़के के कारण उस लड़की के दोनों परीवार वालो‌ ने उससे रिश्ता तोड दिया है

मैं बस यही चाहती हुूँ कि उसके जीवन में सब कुछ ठीक हो जाये जल्दी से जल्दी।


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