Vanshraj suryvanshi

Romance

3.5  

Vanshraj suryvanshi

Romance

बचपन पढ़ाई प्यार

बचपन पढ़ाई प्यार

4 mins
126


दो बहनों की कहानी,

बहुत सुंदर और पुरानी बात है दो बहनें थीं 34साल पुरानी जब दोनों बहनें स्कूल में थी बड़ी बहन 4 मैं थी ओर छोटी 1 में वो दोनों रोज़ स्कूल जाती, दोनों बहनें को उनके पापा तैयार किया करते थे क्योंकि ‌‌‌‌‌‌उनकी मां घरेलू काम में बहुत व्यस्त रहती थी और उस समय सभी लोग के घरों कि स्थिति ख़राब थी उनका पूरा परिवार एक साथ में शामिल रहता था। । उसके पिता माता दोनों ही काम पर जाते थे उनके पिता दोनों को स्कूल छोड़ने के बाद काम पर जाते थे। दोनों बेटियां धीरे-धीरे दोनों बेटियां बड़ी हो गई थी बड़ी बेटी पाँचवीं कक्षा में आ गई थी और छोटी बेटी तीसरी में थी स्थिति खराब होने के कारण बड़ी बेटी का स्कूल बदल दिया गया और छोटी बेटी ने भी धीरे-धीरे स्कूल छोड़ दूसरे स्कूल में एडमिशन ले लिया। बड़ी बेटी ने सातवीं में ही स्कूल छोड़ दिया था। क्योंकि उनके घर की स्थिति ठीक नहीं थी छोटी छोटी बेटी चौथी में थी और उसने भी अपना स्कूल बदल दिया पर उसने अपनी पढ़ाई जारी रखी और वो 5,6,7 मैं आ गई वो स्कूल जाती है। आठवीं कक्षा में उसकी मुलाकात एक लड़के से हुई वह वह दोनों अच्छे दोस्त बन गए उसके पापा की भी जॉब लग चुकी थी उसके घर की स्थिति भी ठीक हो गई थी वह लड़का रोज उस लड़की से किसी ना किसी बहाने बात करता क्योंकि उस लड़के को उस लड़की के स्कूल के पास ही उस लड़के का घर था। वह दोनों एक दूसरे के अच्छे दोस्त बन चुके थे वह लड़का रोज किसी न किसी बहाने उस लड़की से मिलने आता एक बार तो उसने हद कर दी कि वह उस लड़की के घर पर आकर उसका रास्ता उसी के घर में उठने लगा दूसरे दिन फिर उसने उस लड़की का रास्ता रोका और तीसरे दिन उस लड़के ने उस लड़की के पापा से बात की पता नहीं दोनों में क्या बात हुई दोनों मुस्कुरा रहे थे तीसरे दिन जब जब वह लड़की स्कूल गई तो उसकी सारी फ्रेंड्स उस लड़के को घर में बैठी हुई थी उस लड़की एक की सारी फ्रेंड्स उस लड़के की ही बात कर रही थी वह लड़का हो उनको बता रहा था कि मैं उस लड़की से प्यार करता हूं और वह मुझसे बात नहीं करनी है प्लीज मेरी बात उससे करवा दीजिए और फिर उसने उन सभी के लिए चाय बनाई और उतने में वह लड़की थी उसके घर आ गई और फिर दोनों ने बात की इतने में उस लड़के के पापा आ गए और फिर उस सारी लड़कियां वहां से चली गई और वह लड़की भी चली गई वह लड़का एक बार संडे के दिन उस लड़की के घर साइकिल लेकर आया और लड़की धीरे से मुस्कुराए दोनों की बात बंद हो गई थी पता नहीं क्या था दोनों के बीच दोनों ही मुस्कुरा रहे थे और उनकी यह खामोशी उनकी मुस्कुराहट उसके फ्रेंड्स सारे देख रहे थे जैसे ही कि उस लड़की की धड़कन रुक से गई हो उसके उसके चेहरे पर एक मुस्कान धीरे-धीरे दोनों में बात बनने लगी और फिर जब वह लड़की आठवीं में थी तब उसके पापा का तबादला कहीं दूसरे शहर में हो गया और दोनों फिर अकेले हो गए वह लड़का भी कहीं चला गया था। वह आज भी नहीं जानती कि वह कहां है शायद उस लड़के को पता होगा कि वह लड़की कहां है ना ही उस लड़के ने उस लड़की को कोई तकलीफ थी और ना ही उस लड़की ने उस लड़के को दी

सच्चा प्यार वही होता है जो एक दूसरे को समझे उनकी फिलिंग्स की कदर करें

मैं यह कहानी यहीं खत्म करती हूं काश कि वह लड़का लड़की मिल जाते लड़की आज भी उस लड़के का इंतजार करती है पता नहीं किसी मोड़ पर शायद वह मिल जाए कहते हैं ना सच्चा प्यार हमेशा अजर अमर होता है, भगवान कहीं ना कहीं उसे मिला देता है, मैं इतना ही चाहूंगी कि उस लड़की को उसका प्यार मिल जाए।

धन्यवाद


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