हाजरी
हाजरी
एक बार तो वो आते और अपनी हाजरी लगा जाते
वो आते हैं तो सभी के चेहरे खिल जाते थे
कभी वो ये कहते, कभी वो कहते,
वो जाने क्या क्या कहते
उनकी बाते सभी के दिलों को छू जाती,
उनकी एक झलक पाने को बेकरार हैं हम,
उनके दिदार को बेताब हैं हम,
वो एक बार तो आते, और अपनी हाजरी लगा जाते,
हम सभी उन्हें बहुत याद करते हैं,
वो कभी सपनो में आते,ओर मेरी निदो को उड़ाते,
बस दो बात हो जाती तो दिल को सुकून मिल जाता,
बस वो एक बार आते और अपनी हाजरी लगा जाते
उनसे बातो ही बातो में उनकी बातों से प्यार हो गया ,
उनका इंतज़ार आज भी है मुझे।