Anil Jaswal

Inspirational

3  

Anil Jaswal

Inspirational

दुनिया नये मोड़ पे।

दुनिया नये मोड़ पे।

5 mins
229


रानम शिवालीक विश्वविद्यालय का छात्र था। वो कानून विषय में पीएचडी कर रहा था। और वो छात्रों की राजनीति में आने वाले समय में भूमिका पे शोध कर रहा था। साथ में विश्वविद्यालय में छात्र नेता भी था। छात्रों की उसमें काफी आस्था थी। वो देश व दुनिया के ज्वलंत मुद्दों में भी काफी रूचि रखता था। विश्वविद्यालय के छात्र निवास में रहता था। इस वजह से उसकी सतवा देश की राजनीति में काफी पैठ थी।

अचानक सतवा देश‌ में एक दिन एक महामारी‌ फैलती है। और बहुत से लोग बीमार पड़ जाते‌ हैं। चिकित्सक मरीजों को ठीक करने की बहुत कोशिश करते‌ हैं। लेकिन कोई भी दवाई उसपे असर नहीं कर पाती। हस्पताल मरीजों से भर जाते हैं। इसी बीच कइयों की मृत्यु हो जाती है। हालत ये हो जाती है। लोगों का अंतिम संस्कार करना भी काफी कठिन हो जाता है। एक दिन रानम आपने‌ दोस्तों के साथ विश्वविद्यालय के स्टूडेंट्स सैंटर में बैठा होता है। तो उसकी पीएचडी की सहपाठी सवी आती है। और बताती है, कि शहर में बहुत बुरा हाल है। लोग घरों से निकल नहीं पा रहे हैं। जो भी अपरिचित आता है।उसे घर में घुसने नहीं दिया जा रहा। अगर कोई थोड़ा सा भी खांसता है। तो सब दूर भाग जाते हैं। सबको लगता है, कि ये व्यक्ति उस अनजान बीमारी से संक्रमित हैं। वो कहती है, कि शायद अब सतवा देश में कोई भी सुरक्षित नहीं है। क्यों न हम छात्र छात्राएं मिलकर कुछ करें। अगर देश ही सुरक्षित नहीं रहेगा तो फिर हम कहां सुरक्षित रहेंगे। रानम सवी को विश्वास दिलाता है कि तुरंत इसके बारे‌ में कुछ करते हैं। अगले दिन छात्र संघ की मीटिंग होती है।और उसमें रानम ये मुद्दा जोर-शोर से रखता है। सब एकमत से रानम का समर्थन करते हैं। उसमें छात्र संघ का सचिव दीन बोलता है कि इस बीमारी का प्रकोप हमारे देश सतवा में ही नहीं परंतु हर महाद्वीप में फ़ैल चुका है। तो इसमें हमें युद्ध स्तर पे प्रयास करना होगा। ये महामारी इतनी जल्दी और इतनी अधिक फैल चुकी है कि पुरी दुनिया के छात्र छात्राओं को मिलकर प्रयास करना होगा। निर्णय लिया जाता है कि दुनिया भर के छात्र संघों को इकट्ठा किया जाएगा। अगर शारीरिक रूप से नहीं संभव तो सोशल मीडिया से ही सही। और सामूहिक प्रयास किया जाएगा।

अगले ही दिन अपने फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, स्नैपचैट, वटसऐप द्वारा भिन्न-भिन्न पुरी दुनिया के छात्र संघों को मिलजुलकर काम करने के लिए कहा जाता है।

एक संयुक्त कमेटी बनाई जाती है। उसमें हर विश्वविद्यालय के छात्र संघों से प्रतिनिधि लिए जाते हैं।

संयुक्त कमेटी अपने कार्य के लिए धन इकट्ठा करने का सोचती है। और हर सरकार, उघोगपतियों से धन देने की गुजारिश की जाती है। और हालात देखते हुए सारी सरकारें व उधोगपति काफी अधिक धन देते हैं। रानम जो कि संयुक्त कमेटी का चेयरमैन हैं। एक वित कमेटी का निर्माण करता है। उस कमेटी की अध्यक्षता विश्वविख्यात अर्थशास्त्री डेली को दी जाती है। और हर विश्वविद्यालय के छात्र संघ को बोला जाता है कि अपने अपने इलाके की हैल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर का युद्ध स्तर पे अध्ययन करें। और बताएं कितने धन की वहां आवश्यकता है। और अपने विश्वविद्यालय के वोलैंटियरज को कठिन परिस्थितियों में काम करने के लिए तैयार करें।

आखिर हर विश्वविद्यालय के छात्र संघ को महामारी से निपटने के लिए धन भेजा जाता है। सतवा देश को भी महामारी से निपटने के लिए धन मिलता है।रानम, सवी और दीन और छात्र छात्राओं को भी प्रेरित करते हैं। और इस तरह से महामारी के विरुद्ध जंग का एलान हो जाता है। हर विश्वविद्यालय अपने-अपने इलाके में कुछ हैल्पलाईन नम्बर सोशल मीडिया, मोबाइल पे रिकार्डीड मैसेज द्वारा बताता है। जहां भी कोई इस महामारी में पीड़ित इंसान की सूचना मिलती है। उस विश्वविद्यालय के वोलैंटियरज पहुंच कर उस व्यक्ति को हस्पताल ले जाते हैं। और इलाज शुरू करवा देते हैं।

दूसरी तरफ हमारे वैज्ञानिक, डाक्टर, हैल्थ वर्कर्स भी इस उधेड़-बुन में लगे हुए होते हैं कि इसका इलाज क्या होगा। आखिर कुछ वैज्ञानिक इसका इलाज ढूंढने में कामयाब हो जाते हैं। फिर उस इलाज के टिक्के का उत्पादन युद्ध स्तर पे शुरू किया जाता है। जिससे पुरी दुनिया के हर महाद्वीप में इसका टिकाकरण किया जा सके।और इसको जड़ से खत्म किया जा सके।

फिर धीरे-धीरे इस महामारी पे काबू पा लिया जाता है।और हालात सुधरने लगते हैं। इसी बीच सतवा देश में चुनाव आ जाता है। तो सारे सतवा देश के लोग रानम और उसके सहयोगियों को चुनाव लड़ने के लिए कहते हैं।पहले तो रानम आनाकानी करता है। लेकिन जब सब लोगों का उत्साह देख के तैयार हो जाता है।इस बार चुनाव स्मार्ट फोन द्वारा करवाए जाते हैं।सारा प्रचार भी सोशल मीडिया से ही होता हैं। क्योंकि धन महामारी से लड़ने में बहुत अधिक व्यय हो चुका होता है।

आखिर भारी बहुमत से रानम और उसके साथी चुनाव जीतते हैं। और वो सब‌ सीधे विश्वविद्यालय से सरकार में बैठे जाते हैं। अब बहुत बड़ी चूनौती लोगों की जिंदगी सुधारने की आ जाती है। और उसके लिए बहुत अधिक धन की आवश्यकता होती है। रानम विश्व बैंक के आगे गुहार लगाता है। और आसान दरों पे धन की मांग करता है। पुराना सतवा देश का रिकॉर्ड देखते हुए। विश्व बैंक आसान दरों पे धन उपलब्ध करवाने के लिए तैयार हो जाता है।

रानम सतवा देश को हाईटैक बनाने का सोचता है। इसलिए अपने देश में 5जी टैक्नोलॉजी ले आता है। उससे रोजगार में काफी बढ़ोतरी होती है। देश में पास-पास के दस-दस जिलों का एक कलस्टर बनाता है। उस‌हर कलस्टर में स्पैशल इकनौमिक जोन‌ बनाता है। और इनमें एक हाईटैक एयरपोर्ट, हाईटैक रेलवै, हाईटैक हैल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर देता है। बाहर के देशों के उद्योगपतियों को सतवा में उधोग लगाने को प्रेरित करता है। उधोग से संबंधित सारी कार्यवाही एक सप्ताह में पुरी करने का आश्वासन देता है।

फिर धीरे-धीरे अर्थव्यवस्था पटरी पे चल पड़ती है। और लोगों में खुशहाली लौट आती है।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Inspirational