दुःख की घड़ी

दुःख की घड़ी

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राहुल चिंतित सा मन ही मन सोच रहा था कि वह किसी तरह अपने भाई शिखर को इस भयावह कैंसर की बिमारी से बचा पाए ।

डॉक्टर अपनी पूर्ण कोशिश कर रहे थे और राहुल ने भी उनसे कह रखा था कि आप खर्च राशि की फ़िक्र ना करें, जहां तक संभव हो शिखर का इलाज करें। सब कोशिश करने पर भी अचानक ही शिखर ने प्राण त्याग दिए, राहुल उसका हाथ हाथों में थामें अवाक बैठा ही था कि, उसके जिगरी दोस्त अनिल ने राहुल का हाथ थाम लिया और कहा मैं हूं ना ...।


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