doshi koun
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सौम्या ने आज जब उसके पिता को बताया कि "पाप लड़कियों में बढ़ रहे असुरक्षा के भाव को देखते हुए,अब हमारे स्कूल में लड़कियों को कराटे का प्रशिक्षण अनिवार्य कर दिया है "।अतः आप मुझे कुछ रुपये दे दीजिए, मुझे उसका शुल्क जमा करना है।
उसकी बात सुन पिता उसके सर पर हाथ फेर मुस्कुराते हुए बोले, आज कल के माहौल को देखते हुए,यह तो बहुत अच्छी बात है तुम कल ही रुपये जमा करवा देना।
अपने पिता की बात सुन अब सौम्या सुकबुकाते हुए बोली,पाप हम लड़कियों को ही बचपन से हर समझाइश, हम पर ही हर पाबंदी आखिर क्यों।क्या आपको भी यही लगता है कि ,हमारे आसपास आए दिन लड़कियों के साथ जो घटित होता है।
उसमें सिर्फ और सिर्फ हम लड़कियां ही दोषी है।
सौम्या की बात ने आज फिर एकबार उसके पिता को निरुत्तर कर दिया। और उनका सर शर्म से नीचे झुक गया।
