TYPICAL ANKUSH

Abstract

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दो दिलों का अधूरा मिलन

दो दिलों का अधूरा मिलन

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दोस्तो मेरा नामहैअंकुश जैन और में आज एक वास्तविक कहानी आप सबके सामने पेश कर रहा हूँ,जो कहानी मेरे दो दोस्तों की अधूरी प्रेम कहानी पर आधारित है ,दोस्तो कहानी पर चलते हैं।

दोस्तो ये कहानी आज से 3 साल पुरानी है में उस समय इंदौर में जॉब किया करता था और उस समय मेरी कंपनी में हमारा एक 7 लोगो का ग्रुप था जिसमे कोई किसी को नही जानता था , तो हमारे ग्रुप में धीरे धीरे सब घुल मिल गए ओर मेरी दोस्ती सभी से बहुत पक्की हो गई । अब बात करते ह हम अपने 2 दोस्तो की जिसमे से एक थी वैभभी और एक था रिधम ये दोनों मेरे सबसे अच्छा दोस्त थे। 


वैभभी इंदौर के पास की रहने बाली एक लड़की थी जो अपने परिवार के लिए इंदौर में रहकर जॉब किया करती थी ,वैभभी के पिता एक शराबी इंसान थे और वैभभी एक पढ़ने वाली लड़की जिसने अपने दम पर 10वी और 12वी क्लास में बहुत ही अच्छे से पास हुई थी उसके बाद उसने जॉब करने का निर्णय लिया और एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करने के लिए इंदौर आगई।

वहीं बात करते है रिधम की , रिधम ये हमारे बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन के रहने बाले सीधे साधे इंसान है जो अपनी पढ़ाई करके इंदौर में जॉब के लिए आये हुए हैंतौबा-तौबा! अब तो कभी भी किसी भी मिठाई की चोरी नहीं करूंगी।


 वैभभी , रिधम और में हम तीनो एक ही डिपार्टमेंट में जॉब करते थे दोनों मेरे बहुत अच्छे दोस्त थे लेकिन इन दोनों की आपस में बिल्कुल नही बनती थी 

 पहले दिन से ही दोनों की लड़ाई स्टार्ट हो चुकी थी लड़ते भी थी साथ भी रहते थे और कंपनी की तरफ से हम लोगो को रहने के लिए रूम दिए गए थे जिसके कारण हम लोगो का ज्यादा से ज्यादा समय साथ निकलता था ऐसे ही ऐसे 3 महीने निकल गए और इन दोनों का लड़ाई झगड़ा बराबर चलता था 

 उसी बीच एक दिन वैभभी के पिता जी ने ज्यादा शराब पीली और तब रिधम और वैभभी को हमने एक कार से उसके घर भेज दिया तब रिधम ने जाकर उनके पिता को हॉस्पिटल में एडमिट कराया और जब फिर उनको घर पर भेज कर वो वापस आगयातौबा-तौबा! अब तो कभी भी किसी भी मिठाई की चोरी नहीं करूंगी। 

 जैसा की आप सब ने देखा की वैभभी के पिता शराब के नसे में चूर रहते है वह भी अपने पिता से नफरत करती और माँ से उतना ही ज्यादा प्यार करती थी इसी तरह से ऐसा बहुत बार रिधम ने वैभभी की मदद की और दोनों आपस में एक दूसरे से प्यार करने लगे थे, लेकिन कहने से डरते थे और इसी डर की वजह से दोनों कभी एक दूसरे से अपने मन की बात नहीं कह सके और बाद में उन दोनों को अलग होना पड़ा। इसबीच जो हुआ बो में आपको आगे सुनाता हूँ।

 

उसी बीच उन दोनो में बात होना स्टार्ट हो गई और दोनों में अब लड़ाई कम हो गई थी और नार्मल बात होने लगी दोनों अच्छे दोस्त बन गए एक दूसरे की केअर भी करने लगे लेकिन अपने प्यार का इजहार कभी नही कर पाए।


फिर एक दिन मेरे से रिधम ने कहा की बो वैभभी से प्यार करने लगा है तो मेने उसको कह की उसको बोल दे की तुम उसको प्यार करते हो, लेकिन उसके मैन में एक दर था की अगर वैभभी ने उसको मन करदिया तो दोस्ती भी टूट जायगी और बो इस बात को नही कह सका मेने उसको कहा की में बात करता हु , में कुछ प्लान करके तुम दोनों को मिला सकू तो उसने मुझे कसम दे दी की ये बात उससे शेयर न करे दोस्ती की कसम ने मुझे एक वंधन में बांध दिया 

 कुछ दिन बाद वैभभी भी मेरे से बोलती है की बो रिधम से प्यार करती है लेकिन कहने से डरती है और न ही वैभभी ने मुझे बताने के लिए माना करदिया और उसने भी हमे कसम देदी

 दोस्तो में बहुत बड़े संकट में फसा हुआ था दोनों एक दूसरे से प्यार करते थे लेकिन कहने से डरते थे 

 और न ही मुझे बीच में बोलने दे रहे थे मेने दोनों को बहुत समझाया की ऐसे न करो दोनों एक दूसरे से बात करलो और अपने अपने प्यार का इजहार करदो लेकिन बो दोनों कुछ समझने को तैयार नही थे ।

 दोनों मेरे से अपनी हर बात शेयर करते थे लेकिन एक दूसरे से अपने प्यार का इजहार करने से डरते थे।


कुछ दिन बाद वैभभी को लगने लगा की ये सब उसके मन का एक वहम है ऐसा कुछ नही है और उसे लगने लगा की रिधम उससे प्यार नही करता और उसने अपने कदम पीछे कर लिये और वह सोचने लगी की हमारी दोस्ती ही बहुत है प्यार नही है तो काम से काम दोस्ती तो हमेसा रहेगी ,ऐसा ही रिधम भी सोचने लगा की वैभभी उससे प्यार नही करती और फिर वो भी पीछे हट गया ।

कुछ दिन बाद रिधम ने ये ठान लिया की अब बो वैभभी को अपने प्यार का इजहार करेगा और जब उससे अपने बात का इजहार कर पता तब तक बहुत देर हो चुकी थी वैभभी की माँ और परिवार बालो ने उसकी सगाई करदी थी ,अब रिधम भी क्या करता जब उसको पता चला तो वह बहुत दुखी हो चुका था 

लेकिन वैभभी ने भी एक बार सोचा की क्यों न एक बार रिधम को अपने मन की बात बताई जाए लेकिन बहुत देर हो चुकी थी क्योंकि रिधम ने भी अपने लिए एक जीवन साथी ढूंढ लिया था जिसके कारण वैभभी बहुत दुखी हो गई ,लेकिन कुछ दिनों बाद दोनों को शादी अलग अलग हुई और दोनों एक दूसरे से अलग हो गए।। 

लेकिन उन दोनों की दोस्ती आज भी बहुत अच्छी है बो दोनों आज भी दोस्त हैं।दोनों की एक गलती की wजह से आज दो दिलों का मिलान अधूरा रह गया 



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