TYPICAL ANKUSH

Romance

4.0  

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दो दिलों का अधूरा मिलन

दो दिलों का अधूरा मिलन

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दोस्तों मेरा नाम है अंकुश जैन और में आज एक वास्तविक कहानी आप सबके सामने पेश कर रहा हूँ

जो कहानी मेरे दो दोस्तों की अधूरी प्रेम कहानी पर आधारित है

दोस्तों कहानी पर चलते है।


दोस्तों ये कहानी आज से 3 साल पुरानी है मैं उस समय इंदौर में जॉब किया करता था और उस समय मेरी कंपनी में हमारा एक 7 लोगो का ग्रुप था जिसमे कोई किसी को नहीं जानता था, तो हमारे ग्रुप में धीरे धीरे सब घुल मिल गए और मेरी दोस्ती सभी से बहुत पक्की हो गई। अब बात करते हैं हम अपने 2 दोस्तों की जिसमे से एक थी वैभवी और एक था रिधम ये दोनों मेरे सबसे अच्छा दोस्त थे। 


वैभवी इंदौर के पास की रहने वाली एक लड़की थी जो अपने परिवार के लिए इंदौर में रहकर जॉब किया करती थी, वैभवी के पिता एक शराबी इंसान थे और वैभवी एक पढ़ने वाली लड़की जिसने अपने दम पर 10वी और 12वी क्लास में बहुत ही अच्छे से पास हुई थी, उसके बाद उसने जॉब करने का निर्णय लिया और एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करने के लिए इंदौर आ गई।

वहीं बात करते है रिधम की, रिधम ये हमारे बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन के रहने वाले सीधे साधे इंसान है जो अपनी पढ़ाई करके इंदौर में जॉब के लिए आये हुए है। 


 वैभवी, रिधम और में हम तीनों एक ही डिपार्टमेंट में जॉब करते थे दोनों मेरे बहुत अच्छे दोस्त थे लेकिन इन दोनों की आपस में बिल्कुल नहीं बनती थी।  

 पहले दिन से ही दोनों की लड़ाई स्टार्ट हो चुकी थी लड़ते भी थे साथ भी रहते थे और कंपनी की तरफ से हम लोगो को रहने के लिए रूम दिया गया था जिसके कारण हम लोगो का ज्यादा से ज्यादा समय साथ निकलता था।  ऐसे ही 3 महीने निकल गए और इन दोनों का लड़ाई झगड़ा बराबर चलता था 

 उसी बीच एक दिन वैभवी के पिता जी ने ज्यादा शराब पी ली और तब रिधम और वैभवी को हमने एक कार से उसके घर भेज दिया, तब रिधम ने जाकर उनके पिता को हॉस्पिटल में एडमिट कराया और जब फिर उनको घर पर भेज कर वो वापस आ गया।  

जैसा की आप सब ने देखा की वैभवी के पिता शराब के नशे में चूर रहते है वह भी अपने पिता से नफरत करती और माँ से उतना ही ज्यादा प्यार करती थी इसी तरह से ऐसा बहुत बार रिधम ने वैभवी की मदद की और दोनों आपस में एक दूसरे से प्यार करने लगे थे, लेकिन कहने से डरते थे और इसी डर की वजह से दोनों कभी एक दूसरे से अपने मन की बात नहीं कह सके और बाद में उन दोनों को अलग होना पड़ा। इस बीच जो हुआ वो मैं आपको आगे सुनाता हूँ।

 

उसी बीच उन दोनो में बात होना स्टार्ट हो गई और दोनों में अब लड़ाई कम हो गई थी और नार्मल बात होने लगी, दोनों अच्छे दोस्त बन गए एक दूसरे की केअर भी करने लगे लेकिन अपने प्यार का इज़हार कभी नहीं कर पाए। 


फिर एक दिन मेरे से रिधम ने कहा की वो वैभवी से प्यार करने लगा है तो मैने उसको कहा की उसको बोल दे की तुम उसको प्यार करते हो, लेकिन उसके मन में एक डर था की अगर वैभवी ने उसको मन कर दिया तो दोस्ती भी टूट जायगी और वो इस बात को नहीं कह सका। मैने उसको कहा की मैं बात करता हूँ, मैं कुछ प्लान करके तुम दोनों को मिला सकूँ तो उसने मुझे कसम दे दी की ये बात उससे शेयर न करे दोस्ती की कसम ने मुझे एक बंधन में बांध दिया। 

कुछ दिन बाद वैभवी भी मेरे से बोलती है की वो रिधम से प्यार करती है लेकिन कहने से डरती है और वैभवी ने मुझे बताने के लिए माना कर दिया और उसने भी हमे कसम दे दी। 

दोस्तों मैं बहुत बड़े संकट में फँसा हुआ था दोनों एक दूसरे से प्यार करते थे लेकिन कहने से डरते थे।  

और न ही मुझे बीच में बोलने दे रहे थे मैने दोनों को बहुत समझाया की ऐसे न करो दोनों एक दूसरे से बात कर लो और अपने अपने प्यार का इज़हार कर दो लेकिन वो दोनों कुछ समझने को तैयार नहीं थे। दोनों मेरे से अपनी हर बात शेयर करते थे लेकिन एक दूसरे से अपने प्यार का इज़हार करने से डरते थे। 

कुछ दिन बाद वैभवी को लगने लगा की ये सब उसके मन का एक वहम है ऐसा कुछ नहीं है और उसे लगने लगा की रिधम उससे प्यार नहीं करता और उसने अपने कदम पीछे कर लिये और वह सोचने लगी की हमारी दोस्ती ही बहुत है प्यार नहीं है तो कम से कम दोस्ती तो हमेशा रहेगी।  ऐसा ही रिधम भी सोचने लगा की वैभवी उससे प्यार नहीं करती और फिर वो भी पीछे हट गया।  

कुछ दिन बाद रिधम ने ये ठान लिया की अब वो वैभवी को अपने प्यार का इज़हार करेगा और जब उससे अपने बात का इज़हार कर पाता तब तक बहुत देर हो चुकी थी।  

वैभवी की माँ और परिवार वालों ने उसकी सगाई कर दी थी, अब रिधम भी क्या करता जब उसको पता चला तो वह बहुत दुखी हो चुका था।  

लेकिन वैभवी ने भी एक बार सोचा की क्यों न एक बार रिधाम को अपने मन की बात बताई जाए लेकिन बहुत देर हो चुकी थी क्योंकि रिधम ने भी अपने लिए एक जीवन साथी ढूंढ लिया था जिसके कारण वैभवी बहुत दुखी हो गई। लेकिन कुछ दिनों बाद दोनों की शादी अलग अलग हुई और दोनों एक दूसरे से अलग हो गए।

लेकिन उन दोनों की दोस्ती आज भी बहुत अच्छी है वो दोनों आज भी दोस्त है दोनों की एक ग़लती की वजह से आज दो दिलो का मिलन अधूरा रह गया 

दोस्तों ये कहानी वास्तविक जीवन पर आधारित है। 


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