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Vimla Jain

Tragedy Action Inspirational

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Vimla Jain

Tragedy Action Inspirational

दिल उससे प्यार चाहता है

दिल उससे प्यार चाहता है

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निमिषा की शादी को 2 महीने हुए थे।

 उसका पति काफी अच्छा समझदार और अच्छी नौकरी में था।

 सीधा-साधा था इसको ज्यादा दिखावा करना नहीं आता था।

निमिषा को हमेशा ऐसा लगता था, कि यह मेरा पति मुझे प्यार भी करता है या नहीं ।

बाहर जाता है तो भी मुझे प्यार से गले नहीं लगता है।

 बाकी सब तो कैसे बांहों में बाहें डालकर के घूमते हैं। फेसबुक पर फोटो पोस्ट करते हैं।

 आस पड़ोस में देखा तो बाहर जाते हैं, तो हाय बेबी,

 लव यू , मिस यू ऐसा सब करते रहते हैं ।

 जबकि उसका पति तो ऐसा कुछ बोलता ही नहीं।

काश वह भी यह सब करता तो मुझे अच्छा लगता और वह मन ही मन बहुत कुढ़ती रहती।

समय ऐसे ही निकलता जा रहा था।

 शादी करे हुए 5, 6 महीने हुए थे।

 वे लोग वहां से दूसरे शहर नौकरी के सिलसिले में शिफ्ट हो गए थे।

वहां भी आसपास का माहौल ऐसा ही था ।

वह ज्यादा सोचने लगी की मेरा पति कहीं दूसरे किसी से तो प्यार नहीं करता, जबरदस्ती शादी तो नहीं कर दी। 

यह सब सोच, सोच करके उसका तो दिमाग ही खराब होने लगा, और खाना पीना और अनिंद्रा से अनियमितता  से उसकी तबीयत बिगड़ने लगी।

एक दिन उसे बहुत जोर का बुखार आया , वह बेहोश होकर गिर पड़ी। 

उसका पति घर पर ही था।

 वह उसको उठाकर अस्पताल लेकर गया ।

उसकी बहुत सेवा करी।

 जब उसकी अस्पताल में सब जांच कराई गई ,तो पता लगा कि उसकी दोनों किडनी फेल हो गई है।

अब तो वह बहुत ही घबरा गया।

 उसने उसको बोला तू चिंता मत कर, मैं तेरा हर तरह से इलाज करवाऊंगा।

 तेरे बिना मेरा इस दुनिया में और है कौन।

 जिसे मैं इतना प्यार करता हूं तेरे को अंदाज भी नहीं। मेरे हर सांस में तू है।

वह बोलती है, तुमने मुझे कभी जताया नहीं, कभी तुमने मुझे कहा नहीं।

 कभी बाहर जाते हुए गले से लगाया नहीं।

 कभी हाथ में हाथ डालकर घूमे नहीं और तुम बोलते हो कि तुम मुझे बहुत प्यार करते हो, और जोर-जोर से रोने लगती है। उसका पति उसे गले लगाता है और प्यार से उसके सिर पर हाथ फेरते हुए समझाता है।

प्यार दिखाने की वस्तु नहीं है।

मैं तो मैं तुमको सागर की गहराइयों जितना प्यार करता हूं। 

तुम्हारे लिए तो मैं कुछ भी कर सकता हूं तुम इतनी चिंता मत करो ।

अपना प्यार बरगद के पेड़ जितना फलेगा फूलेगा।

इसकी हालत बिगड़ती जा रही थी।

 डॉक्टर ने बोला किडनी ट्रांसप्लांट करना पड़ेगा आप किसी किडनी दाता को ढूंढ के लाओ।

उसने बोला आप दूसरी जगह क्यों जाते हो, सबसे पहले मेरी किडनी का मैच कर लो अगर किडनी मैच होती है तो मेरी किडनी ही इसको लगा दो।

यह देख करके वह जोर-जोर से रोने लगी ,बोली तुम इतना प्यार करते हो पर मैं तो समझी कि तुम बिल्कुल भी प्यार नहीं करते हो।

उसका पति बोलता है दिल जिसे चाहता है उसके लिए मन कुछ भी करने को बेताब रहता है ‌

मेरा दिल तुम्हें बहुत प्यार करता है ।

मैं तुम्हें दिलो जान से चाहता हूं, तुम मेरी जान हो तो तुमको मेरे से दूर जाने कैसे दूंगा।

 डॉक्टर किडनी मैच करते हैं तो मैच हो जाती है ।

 जल्दी ही उसकी किडनी ट्रांसप्लांट ऑपरेशन हो जाता है ,आस पड़ोस वाले सब देखने आते हैं।

 इसकी सहेलियां बोलती हैं तुम्हारे पति तुमको सच्चा प्यार करते हैं।

 जरूरी नहीं है कि सच्चा प्यार जता के ही किया जाए ।

हमारे पति दिखावे का प्यार करते हैं।

 जरूरत पड़ने पर कभी हमारा साथ नहीं देंगे बीमार पड़ने पर एक गिलास पानी भी नहीं पूछते हैं।

 उसको भी एक बात समझ में आती है, कि सही है मैं मेरे पति को दिल जान से चाहती थी, और वह भी खामोश और गहरा प्यार करते थे ।

यह सही है जिसे हम दिल से चाहते हैं, जरूरी नहीं है कि वह दिखावा करके ही अपनी बात को साबित करें।

 मौन और निशब्द प्यार भी होता है ना।

यही हमारा प्यार है।

वह बहुत खुश रहने लगती है।

जल्दी ही, क्योंकि वह मन से भी स्वस्थ हो गई थी इसलिए उसकी रिकवरी बहुत जल्दी हो गई और डॉक्टर ने कुछ सावधानियां रखने को कहा और घर भेज दिया।

 आज वह बहुत खुश थी। क्योंकि जिसे दिल से चाहती थी वैसा ही उसको प्यार वापस मिल गया ।

 उसके दिमाग का फितूर भी चला गया।

 अब उसने अपने आप से वादा किया कि वह हमेशा खुश रहेगी।

 और कुछ ना कुछ करके व्यस्त रहेगी ,जिससे खाली दिमाग में फालतू बातें ना आए। 

 कहते हैं ना खाली दिमाग शैतान का घर।

अपने आप को अच्छे कामों में डुबो के रखेगी। पति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर जीवन यापन करेगी। और उनकी गृहस्थी ही सुंदर और सुचारू रूप से चलने का अपने आप से प्रण करती है।

मोरल ऑफ़ द स्टोरी यह है कि चुप रहने वाले इंसान/ सीधे-साधे की भावनाओं को समझो।

 जरूरी नहीं है कि सब बातें बोल करके ही कहीं जाए व्यवहार से भी समझना चाहिए।

समीक्षा देकर बताइएगा क्या मैं सही कह रही हूं और कहानी आपको कैसी लगी।



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