दिल के अंदर लाल गुलाब
दिल के अंदर लाल गुलाब
आज भी फोन नहीं किया। मैं बात ही नहीं करूंगी। आज फोन करेंगे तो भी नहीं बात करूंगी। कम से कम वेलेंटाइन डे पर लाल गुलाब का फूल व्हाट्सएप पर ही भेज देते। पर मेरे लिये इन्हें कहाँ समय है? सुनिता बार बार मोबाइल पर व्हाट्सएप चेक कर रही थी।
सुनिता की शादी दिसम्बर में सुनील से हुई थी। सुनीता अपने सास ससुर के साथ नया नया घर संसार बसाने के गुण सीख रही थी। सुनील की छुट्टी खत्म हो गई। इस बार उसकी पोस्टिंग पुलवामा में हुई थी। सुनील अपनी पत्नी सुनीता से होली में छुट्टी लेकर मिलने का वादा कर चला गया।
सुनीता को स्वेटर बुनने का बहुत शौक था। सुनील से फोन पर उसकी पसंद का रंग जानकर सुनील के लिए बहुत प्यार से स्वेटर बुनकर कूरियर द्वारा भेज दिया। उसे आज के दिन स्वेटर पर बनाया उजले रंग के ऊन पर लाल रंग के दिल के अंदर लाल गुलाब का फूल याद आ गया। जिसे यूट्यूब की मदद से सीख कर बहुत ही प्यार से सुनील के स्वेटर पर डिजाइन बनाया था। होंठों पर जरा सी मुस्कान उभर आई और फिर न जाने क्या सोचते हुए सुनिता अपनी सासु मां को आवाज लगाकर पूछने उनके कमरे की ओर चली आई कि सुनिल का फोन आया है क्या? तभी याद आया कि पापा जी घर पर है। धीरे से अपने कमरे से निकल कर सासु माँ के कमरे की तरफ बढ़ी। तभी पापा जी के कमरे में चल रही टीवी में एक सहमी सी आवाज में पत्रकार कहती हुई सुनाई पड़ी, इस वक्त एक बड़ी खबर आ रही है। पुलवामा में आतंकी हमले में कई सैनिकों के शहीद होने की बुरी खबर हम आपको सुना रहे हैं। ये शब्द सुनिता के कानों में पड़ने के बाद सब कुछ इस तरह सुन्न पड़ गया मानो उसके कानों में कोई बम फटा हो। वो बाहर ही दीवार पकड़ कर बैठ गई। पुलवामा का नाम आते ही आंखों के सामने अंधेरा छाने लगा। थोड़ी देर बाद हिम्मत करके पापाजी के कमरे का द्वार हल्का सा खोल दिया। वो इस तरफ पीठ करके बैठे कभी फोन तो कभी टीवी को देख रहे थे। तभी विस्फोट हुआ। समाचार चैनल का लाइव संवाददाता घटनास्थल की रिपोर्ट दे रहा था और तभी सुनिता की नजर एक टुकड़े पर पड़ी जिस पर खून से सना दिल के अंदर गुलाब उसे चिढ़ा रहा था। उस गुलाब के निशान को देखते ही सुनिता बेहोश होकर धड़ाम से गिर पड़ी।
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