दिखावा
दिखावा
रोली तुम्हे जब देखो सोशल मिडिया पर स्टेटस लिखती हो ? विनय ने कहा," क्या जरुरत है ?" ओहो ! विनय तुम बहुत पुराने जमाने के रहते हो।आजकल ये ही जमाना है।
सारा समय खराब करती हो। थोडे समय के लिए सही है पर मै क्या कर रही हूँ ? क्या खा रही हूँ ? हम कहाँ जा रहे है। ये सब क्यूँ। विनय घर का रहन सहन इसी से पहचाना जाता.है।जब फोटो डालते है तो घर दिखता है। कौन से होटल मे जाते है, इसका भी फर्क पडता है। तुम और तुम्हारा दिखावा ,कहकर विनय आफिस के लिए निकल गया। |रोली तैयार होकर पार्क मे पहूँची। अरे वाह ! रोली कुर्ती अच्छा पहनी है। सौम्या और शुभी ने कहा। ये मैने चैन्नई से मंगायी थी। रोली खुशी आसमान पर होती कोई तारिफ कर देता था। सबसे बताती की उन्होने मेरी कुर्ती की तारीफ की। सब जानते थे , घूमना फिरना खाना-पीना किटी पार्टी नए-नए कपड़ों जेवर बहुत ज्यादा शौक था। अच्छा दोस्तों मैं जल्दी जाऊँगी रोली चहकती हुई बोली।क्यूँ ?सभी ने पूछा। कल बताऊँगी। कल दिवाली है। रोली विनय के साथ बाजार गयी वहाँ से सोने का हार खरिदा। अपने पुराने भी सब गहने पहन कर पार्क मे पहुँची जहाँ सब इक्कठा होने थे।
कोई हाथ की चुडियों की तारिफ कर रहा था, कोई हार की ,कोई कान की झुमकी की। सबने फोटो लिए।तुरंत फेसबुक पर डाले।कमेन्ट आने शुरू हुए।वाह ! हार तो बडा सुंदर है !देखो विनय हार के रूपये वसूल सब तारीफ कर रहे है मेरे गहनो की। अरे रोली !अब लिख मत देना कहाँ से लिए ?कब लिए? विनय तुम भी क्या बात करते हो ? कोई पूछेगा तो नहीं बताना क्या अच्छा लगेगा ? भाभी पूछ रही थी। बता दिया तनिष्क का है सब।
विनय चुप हो गया इस बात पर बहुत बहस हो चुकी थी पहले भी।
अगले दिन दोनों आफिस चले गये। शाम को घर आए तो घर बिखरा पडा था। समझते देर नही लगी की चोरी हुई। जेवर गायब थे। रोली रो रही थी किसने की होगी चोरी ? अब रोने से क्या फायदा रोली ?विनय चिल्लाते हुए बोला। कल पार्क मे तो दिखा रही थी सबको गहने। तब चोर को घर ढूढँने मे आसानी कर दी तुमने। और जो फेसबुक पर बता रही थी कब लिया, कहाँ से लिया? आसपास सबकी नजर रहती है।
कौन इतने जेवर पहन कर जाता है और बताता है।चलो पुलिस चौकी। अब तुम्हारी अपनी तारिफ कराने की आदत ने सब लूटा दिया। ये तो वही बात हुई आ बैल मुझे मार।