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Diwa Shanker Saraswat

Tragedy

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Diwa Shanker Saraswat

Tragedy

धर्म की पुस्तक

धर्म की पुस्तक

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 ईश्वर ने धर्म बनाया। अनेकों अच्छी अच्छी बातों को लिखकर बड़ी पुस्तक बना दी। विश्वास था कि इस पुस्तक को पढकर मनुष्य इंसानियत की राह पर चलेंगे। जीवन में खुशियां लायेंगे। मानवता का पाठ पढ़ायेंगे।


 बहुत समय हो गया। ईश्वर भी निश्चित थे। आखिर धर्म की पुस्तक लिख दी थी। एक दिन यों ही संसार देखने चल दिये।कुछ अलग दिखाई दिया। चारों तरफ मारकाट मची है। एक दूसरे को नीचा दिखाया जा रहा है। प्रदर्शनों का बोलबाला है। इंसान खुद व खुद बड़ा और छोटा हो गया है।बड़े छोटों पर अत्याचार कर रहे हैं। स्त्रियों का निरादर हो रहा है। 


बताया जा रहा था कि यही वह धर्म है जो खुद ईश्वर ने लिखा है। और ईश्वर लिखित वह धर्म की पुस्तक रद्दी के ढेर में पड़ी थी। जिसकी तरफ कोई देख भी नहीं रहा था।


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