धोखेबाज वादा
धोखेबाज वादा
धोखेबाज वादा होता है मीठा छलावा,
जो दिल को उम्मीदों से भर देता है।
पर जब सच सामने आता है तब,
ये टूटकर दिल को ज़ख्मी कर देता है।
आशा समुंद्र के किनारे खड़ी हुई विचार कर रही है 3 साल हो गए तुमको गए हैं।
तुमने मुझे वादा किया था कि मैं इसी जगह पर आकर आज के दिन तुमसे मिलूंगा।
उसके बाद अपन हमेशा साथ रहेंगे ऐसा कहकर तुम अपना कारण बताकर विदेश चले गए।
बोले मेरा इंतजार करना मैं तुमसे वादा करता हूं मैं जरूर आऊंगा।
वहां जाने के बाद थोड़े दिन तो तुमने मेरे से संपर्क रखा, और उसके बाद कोई संपर्क नहीं। फिर भी मेरे को तुम्हारे ऊपर विश्वास है कि तुम जरूर आओगे।
तुम मुझे धोखा नहीं दे सकते, क्योंकि यह वादा साथ रहने का वादा कोई आजकल का नहीं स्कूल टाइम से अपना साथ और प्यार जो घरवालों को भी दिख गया था और उन्होंने भी मोहर लगा दी थी चालू ही था।
उसके बाद अपन इतने साल साथ पढ़े बहुत और गहरा होता गया।
मगर अचानक उस दिन भी शायद 25 तारीख थी 25 अप्रैल थी तुमने मुझे कहा तुम्हें 3 साल के लिए विदेश आना पड़ेगा आगे पढ़ाई करनी है और कैरियर बनाना है।
तुम मेरा इंतजार करना मैं यहा ही जरूर आऊंगा और अपन साथ होंगे।
यह मेरा तुमसे वादा है।
मगर इन 3 सालों में मैं हमेशा 25 अप्रैल को यहां आती हूं।
मगर तुम कभी भी मिलने भी नहीं आए ,पता नहीं क्या हो गया है।
लोग तरह तरह की बातें करने लगे।
अब तो घर से भी दबाव आने लगा है कि तुमने मेरे से वादा खिलाफी करी है।
तो अब मैं अपनी जिंदगी में आगे बढ़ जाऊं। अगर मेरा मन नहीं मानता ऐसा विचार करते-करते आशा सुबह से शाम तक वही खड़ी रहती है।
शाम के टाइम में दूर से कोई आता हुआ नजर आता है बराबर टकटकी लगाए उसको देखती रहती है।
जब यह सब पास आता है उसका मन खुश हो जाता है कि वह उसका प्रीतम है।
प्रीतम बोलता है, मैंने तुमसे वादा किया था देखो मैं आ गया।
मैंने तुमसे कोई वादाखिलाफी नहीं करी।
अब अपन जिंदगी साथ में गुजारेंगे। आशा तो खुशी के मारे आंखों में आंसू आ गये।
वह उससे लिपट गई।
और बहुत शिकायतें करने लगी।
प्रीतम बोला अभी यहां से चलो।
अभी तो तुम्हारे को मेरे घर वालों से मिलने जाना है। जल्दी से सब तैयारी करनी है।
और शादी भी करनी है,
और वापस भी विदेश जाना है।
वे दोनों खुशी-खुशी वहां से रवाना होते हैं और यह बात आशा अपनी सहेली को बताती है कि, मैं 3 साल से जिसका इंतजार कर रही थी प्रीतम आ गया है।
और अब हम शादी करने वाले हैं।
उसकी फ्रेंड बोलती है तूने यह पता करा 3 साल से विदेश में क्या करता रहा,
और उसने जैसे संपर्क क्यों तोड़ दिया। आशा कहा नहीं अभी आ गया तो ऐसा पूछने की क्या जरूरत है।
उसकी फ्रेंड ने बोला नहीं जरूरत है।
विदेश के
अंदर इसने कुछ गुल खिलाए हो क्या पता।
तू ऐसा कर उसकी फोटो मेरे को भेज मैं सोशल मीडिया पर पता करती हूं।
और कौन सी जगह रहता है वह भी भेज।
तू मेरी सबसे प्यारी सहेली है मैं नहीं चाहती कि तू कोई धोखे में रहे।
पहले तो आशा नानुकुर करती है।
मगर फिर उसके दिमाग में यह बात आ जाती है ,कि पूछना तो चाहिए।
कि इतने साल इसने क्या किया।
वो अपनी दोस्त को उसकी फोटो भेज देती है। और उससे पूछ कर कि वह कहां रहता है सब भेज देती है।
और प्रीतम से पूछती है तुम तो वापस हमेशा रहने को आए हो ना।
वापस थोड़ी जाना है।
अपन तो भारत में रह करके ही खुश हैं।
वहां जाकर क्या करना है तो ,
एकदम उसके मुंह से निकलता है मैं तो वहां का सिटीजन हूं। तो जाना तो पड़ेगा ही भारत में क्या रखा है।
तो आशा एकदम चौक जाती है।
तुम 3 साल में ही सिटीजन बन गए ऐसा क्या कर दिया तुमने ,की इतनी जल्दी सिटीजनशिप मिल गई।
प्रीतम टालमटोल करने लगा उसको कुछ भी नहीं बताया।
आशा को भी उस दाल में काला नजर आया उसने कहा।
अब तो अपने शादी में थोड़ा टाइम लगाते हैं। मुझे भी बहुत काम है सब निपटाना है।
और वह अपनी दोस्त के साथ उसकी पूरी जानकारी हासिल करने में लग गई।
तब उसे पता लगा की प्रीतम ने किसी अमेरिकन लड़की से शादी कर ली है।
और सिटीजनशिप प्राप्त कर ली है।
और अब उस लड़की के कहने पर ही वह इंडिया आया है, ताकि मुझसे शादी करके मुझे धोखे से ले जाकर वहां कामवाली का दर्जा दे। यह सब जान उसका दिल टूट जाता है।
पर वह अपने को दिए हुए धोखे से टूटती नहीं।
जाकर उससे लड़ती है और बताती है कि मुझे सब पता लग गया है।
तुम यह मत सोचो तुम्हारे इस धोखे मेँ मैं आ जाऊंगी। मैं चाहूं तो अभी तुम को पुलिस के हवाले भी कर सकती हूं। मगर वह मैं नहीं करुंगी
क्योंकि कभी तुमने मेरे से वादा किया था कभी तुम मेरे बचपन के दोस्त थे इसलिए। आज के बाद मुझसे मिलना भी मत।
और किसीको भी इस तरह से धोखा देने की कोशिश भी मत करना।
मैं अपनी जिंदगी से तुम को निकाल बाहर फेंक ती हूं।
और मैं जिंदगी में आगे बढ़ जाऊंगी तुम्हारा नाम लेकर रोती नहीं रहूंगी।
इसलिए तुम जाओ यहां से।
और अपने दोस्त से मिलने जाती है और उसका बहुत धन्यवाद करती है।
तुमने मुझे बहुत बड़े धोखे से बचा लिया। प्रीतम वादा निभाने नहीं धोखा देने आया था। यह तो तेरा समय सूचकता के कारण मैं बच गई।नहीं तो मैं उस पर अविश्वास तो कर ही नहीं सकती थी।
मेरे को तो अंधा विश्वास था।
आज से मैंने यह कान पकड़े कभी भी किसी पर इतना अंधा विश्वास नहीं करेंगे।
और लोगों को भी इसके लिए सावधान करेंगे की लड़कियों की बाहर शादी करने से पहले सामने वाले की पूरी जानकारी निकालो। आनन-फानन में शादी ना करो।
नहीं तो पछताने का वारा आएगा।