Richa Baijal

Drama

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Richa Baijal

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डिअर डायरी डे 14 :

डिअर डायरी डे 14 :

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डिअर डायरी : डे 14  07.04.2020


कोरोना के केसेस 4600 से ऊपर जा चुके हैं। मौत 150 के लगभग हैं। राजस्थान में भी लगभग 350 केसेस हैं। तब्लिकी जमात के लोगों ने जगह जगह घूम कर सरकार की सारी कोशिश बर्बाद कर दी है।पी. एम. मोदी लो तो हर तरह से जवाब देना है , केस कम हों तो भी और ज़्यादा हों तब भी। अपने कमरे से बस न्यूज़ एंकर की आवाज़ सुनी थी मैंने कि 4600 पॉजिटिव केस हैं कोरोना के। मन कड़वाहट से भर गया। इतना करते करते ये हाल है मेरे देश का। अब आप को समझ आता है क्या।...अगर इन 5000 में से हर बन्दे ने 5 को भी इन्फेक्ट किया तो 25000 तो वैसे ही हो जाओगे तुम सब।


खैर, अब क्या कर सकते हैं ? मूड ऑफ हो रहा है।...फिर भी आपको बता दूँ कि "कोरोना " एक महामारी का रूप ले चुका है। प्लेग , हैजा और स्पेन फ्लू के बाद अब कोरोना को भी उसी की तरह समझा जा रहा है। 1820 ,1920 के बाद अब 2020 : ये 100 -100 साल बाद महामारी का आना जैसे प्रकृति ने निश्चित किया हो।पुलिस और डॉक्टर अपनी जान खतरे में डालकर लोगों की जान बचाने में लगे हैं और लोग अपनी जान गंवाने की हर कोशिश करने में लगे हैं।


कोरोना कोरोना कोरोना बस यही हो रहा है।.


आज ऑफिस के लिए तैयार हुई थी लेकिन फिर एरिया में कर्फ्यू लग गया तो नहीं जा पायी। अब सांग्स और मूवीज, रामायण और महाभारत। और मीडिया द्वारा कोरोना के अपडेट्स। पता नहीं है कि ये तकलीफ कब ख़त्म होगी। डॉक्टर्स वैक्सीन बनाने की कोशिश कर रहे हैं।कहीं लोग ठीक हो रहे हैं तो कहीं मर रहे हैं। दिल अनजान बन जाना चाहता है कभी तो समझदारी दिखाने की ज़िद्द है कभी। 



खैर , अब धीरे-धीरे एक एक रूम की सफाई होगी ; बर्तन , कपडे और झाड़ू -पोंछा तो दिनचर्या में शामिल हो ही चुका है। हम अंताक्षरी खेलते हैं ग्रुप में लेकिन सांग्स याद नहीं आ रहे हैं। इंसान का मस्तिष्क एक तरफ व्यवस्थित हो जाता है ; जैसे अगर आपको कुकिंग का शौक है या आप एक गृहणी हो ; तो आप अच्छे से अच्छा खाना बनाने की कोशिश करोगी। यदि आप एक टीचर हो तो आप बुक्स में ,लिटरेचर अच्छे से अच्छा पढोगे। अगर आप एक डॉक्टर हो तो आप का ध्यान अपने पेशेंट को ऐसी दवाई देने की तरफ होगा जिससे वो जल्दी से जल्दी ठीक हो जाये। सबका माइंड- सेट हो जाता है। एक सब्जी बेचने वाले की मानसिकता क्या होगी : अच्छी से अच्छी सब्जी की क्वालिटी को पहचानना।


सबका अपना काम है ,अपनी पहचान है जो कि समाज के लिए ज़रूरी है।अब आप सबकी ,हम सबकी पहचान बदल गयी है ;तो अचानक से हुए इस परिवर्तन को मन समझने में वक्त लगा रहा है। लेकिन आप सबको , मुझको ,हम सभी को अब इस नए परिवर्तन को समझना पड़ेगा। हम ये नहीं कह सकते कि मैं क्यों करूँ घर का काम ; सारे आपके इंस्टाग्राम के सेलिब्रिटीज कर रहे हैं। फिर आप क्यों बच रहे हो काम से ?



हैप्पी डे माय डिअर ऑल

ध्यान रखो अपना

 "स्टे एट होम "


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