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Gulafshan Neyaz

Abstract

4.5  

Gulafshan Neyaz

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द सोशल साइट

द सोशल साइट

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आजकल सोशल मिडिया का जमाना है.. हर कोई कंही ना कंही इन सब से जुड़ा है।

आजकल सोशल मिडिया पर हर तरह के प्रोग्राम मिल जाते है चाहे वो मनोरंजन से हो या कोई न्यूज़ या फिर कुकिंग टिप्स इसमे का हर न्यूज़ जंगल की आग की तरह फैलता है। कुछ लोग इस पर आँख बंद कर भरोसा करते है। वो ये जानने की कोशिश नहीं करते की वीडियो सच है या झूठ। बस जो देखते है उसे ही सच समझ बैठते है। इन सोशल साइड की वजह से बहुत सारी हस्तिया फेमस होइ जिन्होंने रातो रात इज्जत सोहरत सब कमाया। उन्हें देख कर कुछ लोग उनकी नक़ल करते है। अपने आप को फेमस करने के लिए किसी हद तक गिर जाते है। लोगो की जज़्बात से खेलना शुरू कर देते है। उन्हें ये नहीं पता उनका ये छोटा सा वीडियो कितना बवाल मचा सकता है

खुद को फेमस करने के लिए नेता को मंत्री को किसी धर्म के खिलाफ टिप्पणी करना कँहा तक सही है. अगर आपको फेमस होना है तो खुद के दम पर ख

ुद के टैलेंट पर फेमस होइए। ना की अपने देश का इंसल्ट कर के या कुछ आलूल जलूल हरकते कर किसी के इमोशन के साथ खेलना ठीक नहीं है। आज क़ल सोशल साइट पर तरह तरह के इलाज और ब्यूटी टिप्स दिखये जाते है। जिनका ना कोई हाथ या पैर नहीं होता।

अगर किसी ने यूज़ किया तो उसके बॉडी और स्किन के साथ क्या साइड इफेक्ट होंगे ऐ तो बताने वाले को भी नहीं पता। मैं ये नहीं कहती के सब बुरे है या नकली है। पर इन नकली के बीच असली को ढूंढना भूसे के ढेरों से सुई को ढूंढना है।. आजकल सोशल साइट धर्म के आर मै एक दूसरे को बदनाम करने का अड्डा भी बनता जा रहा है। आज क़ल सोशल साइट पर वीडियो डालने पर लाइक कमैंट्स पर पैसे मिलते है। इसलिए लोग तरह तरह के हत्कंडे आजमा रहे है। उन्हें इन बातो से कोई असर नहीं परता की वो क्या कर रहे है इसका अंजाम क्या होगा

हमारे देश की सरकार को इन सोशल साइट पर नज़र रखने की जरूरत है। 


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