चिराग तले अंधेरा
चिराग तले अंधेरा
एक प्रखर डोकटर अरविंद भाई थे उनका पूरे शहर में नाम था उनके यहां दस साल बाद बेटे का जन्म हुआ उसका नाम सुमीत रखा वो बड़ा हुआ उसे पढ़ने के लिए भेजा पर वो पढ़ाई मे ध्यान देता नहीं और हर रोज मारपीट करता और शिक्षकों को भी गाली गलोज करने लगा..
स्कुल में अरविंद भाई को बुलाया और सभी बातें बताई..
अरविंद भाई ने उसे लागवग और पैसे के जोर से देहरादून होस्टल में रखा पर यहां भी पढ़ाई-लिखाई नहीं किया और भागकर घर आ गया..
अरविंद भाई ने बहुत प्रयास किया पर उसने पढ़ाई नहीं की और आवारागर्दी करने लगा.. पूरे शहर और समाज में सभी कहने लगे कहा अरविंद भाई जैसा सज्जन इन्सान और कहां सुमीत आवारा लडका सच्च में चिराग तले अंधेरा इसे कहते हैं...