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Navya Agrawal

Inspirational

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Navya Agrawal

Inspirational

छू लूँ आसमाँ

छू लूँ आसमाँ

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कहते है जिंदगी में अगर कुछ करना चाहते है तो हमे कभी न कभी किसी न किसी सहारे की आवश्यकता जरूर पड़ती है। ऐसा ही कुछ मेरे साथ भी हुआ। मैं जीवन मे कुछ करना चाहती थी पर समझ नही आता था कि क्या करूँ क्या नहीं। ना कभी परिवार का साथ मिलता था किसी काम को करने के लिए।

इंसान की सबसे बड़ी ताकत उसका परिवार होता है अगर वही साथ ना हो तो वह कुछ भी नहीं कर सकता। यही मेरी जिंदगी में था। कभी अगर कुछ करने के बारे में सोचती भी तो परिवार का साथ न मिलने के कारण हिम्मत टूट जाती। कदम बढ़ने से पहले ही रुक जाते थे।

हर बार ऐसा होता कि मैं कोई सपना देखती, कोई ख्वाब बुनती की जीवन में मुझे यह बनना है। इसमें अपना कैरियर बनाना है पर हर बार वो सपना बनकर ही रह जाता था क्योंकि मम्मी पापा मना करते थे, मुझे रोक देते थे और मैं भी उनकी बात मान जाती थी। मेरा सपना CA बनने का था जिसकी पढ़ाई के लिए मुझे घर से बाहर कहीं दूर किसी होस्टल में जाकर पढ़ाई करनी पड़ती पर घरवाले इस बात के लिए सहमत नहीं थे। आज के टाइम में लड़कियां सुरक्षित नहीं है। बढ़ते बलात्कार के मामलों से डर के कारण ही मुझे बाहर जाने से रोकते थे। यही कारण था कि मेरा ये सपना बस सपना बनकर ही रह गया। मैंने भी उनके डर उनकी भावनाओं को समझा और जाने से मना कर दिया पर अब भी मैं कुछ करना चाहती थी।

मुझे आर्ट का बहुत शौक है इसलिए वो ड्राइंग, पेंटिंग, म्यूजिक बहुत सारी ऐसी चीजें थी जो मैं सीखना चाहती थी पर हर बार घरवालों का जवाब एक ही होता- नहीं। कभी कुछ करने का मौका ही नहीं मिलता था। कुछ सीखने का मन होता तो उसके लिए भी मन कर दिया जाता। घरवालों के लिए बस वही सब काम करने के होते थे जो उन्हें लगता है कि करना चाहिए जैसे खाना बनाना, सिलाई करना आदि। पर मैं इन सबसे अलग कुछ करना चाहती थी।

बहुत कोशिशें की घरवालों को मनाने की किसी तरह कोई हाँ कहे और मुझे मेरी लाइफ में कुछ कर दिखाने का मौका मिल जाए। परिवार के खिलाफ जाकर कुछ करना मुझे सही नहीं लगता था इसलिए कभी जिद नहीं कर पाई। परन्तु मन मे जो उम्मीद थी वो अभी भी बनी हुई थी कि कुछ करके दिखाना है।

कहते है ना डूबते को तिनके का सहारा मिल जाए तो वो दरिया पार कर सकता है। मुझे वो सहारा मेरी एक दोस्त ने दिया। जो मेरे दिल के सबसे करीब थी। आगे बढ़ने की राह उसने मुझे दिखाई। वो जानती थी कि मुझे पढ़ने का बहुत शौक है इसलिए उसने मुझे कुछ कहानियां पढ़ने को कहा जिन्हें पढ़ने के बाद मेरा भी मन हुआ कि क्यो न मैं भी कुछ लिखूं। पर अब भी बस सोचती ही रही करने की हिम्मत नहीं कर पाई क्योकि मुझे पता था कि घरवालों को अगर पता लगा तो वो इसकी सहमति कभी नही देंगे। मैं इस असमंजस में थी कि क्या करूँ क्या नहीं।

इसमें मेरी मदद उस इंसान ने की जिसे मैं बहुत प्यार करती हूं। उसने मुझे समझाया कि अगर मैं जीवन में कुछ करना चाहती हूँ, आगे बढ़ना चाहती हूँ तो मुझे कदम बढ़ाना होगा।उसका कहना था कि अभी घरवाले मना कर सकते हैं पर जब उन्हें सच का पता लगेगा कि तुझमे टैलेंट है कुछ कर दिखाने का तो वो साथ जरूर देंगे और उन्हें बहुत खुशी भी होगी।

उसकी बातों ने मेरे दिल पर गहरी छाप छोड़ी। यह वही इंसान है जो मेरा आदर्श है। वह मुझे सही गलत सब समझाता है। हर परिस्थिति में मेरे साथ खड़ा होता है। मुझे आगे बढ़ने की प्रेरणा उसी इंसान से मिलती है। मैं उन्हीं चीजों को लिखना ज्यादा पसंद करती हूं जो हकीकत होती है। मेरी हर एक कविता सभी कहानियां उसी के इर्द गिर्द घूमती है क्योंकि वही मेरी प्रेरणा है।

आज मैं कुछ लिख पा रही हूँ तो सिर्फ उसी की हिम्मत और हौसले की वजह से जो उसने मुझे दिया। उड़ने के लिए पंख दिए। जीने के लिए खुला आसमान दिया।

मेरे सपनों को एक मंजिल मिल गयी जहां मुझे पहुँचना है और वही इंसान मेरे इस सफर में मेरे साथ खड़ा है। आसमान छूने का वक्त आ चुका है। बस जरूरत है तो मेहनत-लगन और आत्मविश्वास की।

हर कदम पर आगे बढ़ने के लिए तैयार करने वाला वो इंसान मेरे लिए कुछ इस तरह की ऊपर चढ़ने के लिए जैसे सीढ़ियाँ चाहिए होती है। वो मेरी सीढ़ी बना और मुझे आगे बढ़ाया।


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