छलिया
छलिया
"तुमने अपने परिवार वालो से बात की ?" वीना ने सिड का हाथ पकड़ते हुए पूछा।
"की तो है डियर; मम्मी संडे को तुम्हारे घर जाने के बारे में कह रही है......." सिड ने छोटे कद की दुबली-पतली वीना की और देखते हुए कहा।
"क्या वो हम दोनों की शादी के लिए राजी है ?" वीना ने उत्सुकता के साथ पूछा।
"कहना मुश्किल है; कल उन्होंने ने तुम्हे और तुम्हारे परिवार को देखने के बाद ही कुछ जवाब देने के लिए कहा है।" सिड उदासीनता के साथ बोला।
"अरे शादी हम दोनों की होनी है, हम दोनों राजी है तो उन्हें क्या निर्णय लेना है अब ?" वीना आश्चर्य के साथ बोली।
"मेरे परिवार के लोग लव मेर्रिज्स के खिलाफ है........मैं तो पहले से ही कह रहा हूँ हम दोनों कोर्ट मैरिज कर लेते है......." सिड उसी उदासीनता के साथ बोला।
"और मैं अपने परिवार की इज्जत का दिवाला निकलवा दूँ ताकि कोई मेरी बहनो के साथ कभी शादी भी न करे......." वीना थोड़ा तमतमा कर बोली।
"तो क्या करें ?" सिड बोर होता हुआ बोला।
"क्या कर सकते है ? अब तो जो करना है तुम्हारी मम्मी को ही करना है........." वीना उदास होते हुए बोली।
दो दिन बाद
"क्या तुम्हे पता है तुम्हारी मम्मी ने मेरे घर जाकर क्या किया ? क्या उन्हें इस तरह मेरे परिवार की बेइज्जती करने का हक़ था ?" वीना ने सिड को देखते ही गुस्से के साथ कहा।
"वो मेरे माता-पिता है उनके व्यवहार के बारे में मुझे पता था इसलिए मैंने हमेशा कोर्ट मैरिज के बारे में कहा था और आज भी यही चाहता हूँ, मै अपना परिवार छोड़ने के लिए तैयार हूँ।" सिड व्याकुलता के साथ बोला।
"इतना कुछ हो जाने के बाद अब तो मेरा ही परिवार इस रिश्ते के लिए राजी नहीं है।" वीना दुखी स्वर में बोली।
"तुम क्या चाहती हो ?" सिड चिंतित स्वर में बोला।
"मेरी कोई मर्जी नहीं है, सॉरी अब मै तुमसे शादी नहीं कर सकती हूँ........और अब मै तुमसे कभी नहीं मिलूँगी........" कहते हुए वीना की आँखे छलक आई।
"यानि सब खत्म........ ?" सिड उदासीन स्वर में बोला।
"हाँ सब ख़त्म....हमारी राहे अब जुदा है।" कहकर वीना चली गई।
सिड कुछ देर वहीं खड़ा रहा। दुबली-पतली, छोटे कद की वीना से वो कुछ हद तक बोर हो चुका था और उससे छुटकारा पाने के लिए उसने ये शादी वाली बात का गेम खेला। वो जानता था कि उसके माता-पिता इस लव मैरिज के लिए कभी राजी नहीं होंगे और वीना कभी कोर्ट मैरिज के लिए राजी नहीं होगा। उसका पासा बिलकुल सही पड़ा और वीना उसकी जिंदगी से एक ही झटके में बाहर हो गई। वो आर्चिज गैलरी की तरफ चल पड़ा उसे अर्चना के लिए कुछ गिफ्ट लेना था। अर्चना उसे कुछ दिन पहले मिली थी और सिड जैसे छलिया की मीठी-मीठी बातों में फंसकर उसे अपना दिल दे बैठी थी।