दूसरा मुझे अपनी भाषा को मीठी चाशनी चढ़ा कर पेश करना होगा। दूसरा मुझे अपनी भाषा को मीठी चाशनी चढ़ा कर पेश करना होगा।
हमको आत्मग्लानी होती है क्यूँ कि हम जानते हैं कि ये कैद हमारी स्वयं की देन है। हमको आत्मग्लानी होती है क्यूँ कि हम जानते हैं कि ये कैद हमारी स्वयं की देन है।
आया झूम के बसंत,झूमो संग संग में" और बाहर खेलने भाग जाती है। आया झूम के बसंत,झूमो संग संग में" और बाहर खेलने भाग जाती है।
"अरे...! ध्यान से किया करो इतना सुंदर चेहरा जला लिया।" उसने प्यार भरी डांट लगाई। फिर ज "अरे...! ध्यान से किया करो इतना सुंदर चेहरा जला लिया।" उसने प्यार भरी डांट लगाई।...
सिड जैसे छलिया की मीठी-मीठी बातों में फंसकर उसे अपना दिल दे बैठी थी। सिड जैसे छलिया की मीठी-मीठी बातों में फंसकर उसे अपना दिल दे बैठी थी।
क्रांतिकारी विचार पछता रहे थे, यह मैंने बैठे बैठे मुसीबत को क्यों न्योत लिया। क्रांतिकारी विचार पछता रहे थे, यह मैंने बैठे बैठे मुसीबत को क्यों न्योत लिया।