Sarita Kumar

Inspirational

4  

Sarita Kumar

Inspirational

चार पीढ़ियों की पार्टी

चार पीढ़ियों की पार्टी

2 mins
270


21वीं शताब्दी में बड़ा खुशनसीब वो घर का आंगन है जहां चार पीढ़ियां एक साथ बैठकर मूंगफली फोड़ती हैं।40 रूपए का मूंगफली कितना बेशकीमती हो जाता है जब एक दादी मां उसे फोड़ फोड़ कर खाना सीखाती हैं अपने बेटा बेटी के नाती पोतों को ..... ! हम बड़े खुशनसीब हैं मैंने भी अपनी मां की नानी को देखा है और उनके हाथों से कटोरी में वो दूध भात खाई है जिसके बारे में वो कहती थी कि "चंदा मामा लाया है सोने की कटोरी में दूध भात ..!" जबकि वो दूध रोटी होता था मगर हम चुपचाप खा लेते थें।मेरी दादी मां ने भी खूब खिलाया है मक्खन में मिसरी मिलाकर और अब जब देखती हूं मेरी नातिन को जब मेरी सासूमां खिलाती पिलाती हैं तो मन पुलकित हो जाता है।ये कटोरियां सोने की नहीं चांदी की हैं।मगर पर नानी के हाथों से खा कर अमृत बन जाता है।अगली पीढ़ी का पता नहीं वो क्या दिन देखेंगे लेकिन मुझे बड़ी संतुष्टि है जो आनन्दायक बचपन हमने जिया है वो गौरवशाली बचपन मैंने अपने बच्चों को दिया है।

वर्तमान युग में एकल परिवार का चलन होने के बावजूद हम संयुक्त परिवार में रहने का विकल्प चुनें और वास्तव में हमारा फैसला सर्वश्रेष्ठ साबित हुआ।होली दीवाली तीज़ त्यौहारों पर जो रौनक हमारे घर में होती है वो अपनी सहेलियों और अड़ोसी पड़ोसियों के नसीब में नहीं होता।उन्हें भी चाहत होती है कि ऐसा ही चहल-पहल हो उनके घर भी लेकिन यह दो दिन के लिए उधार नहीं ली जा सकती है ? संयुक्त परिवार में रहने का जो आनंद है जो रोमांच है उसकी कुछ कीमत भी अदा करनी पड़ती है और यह कीमत आफ्टर डिलीवरी नहीं बल्कि बिफोर डिलीवरी देनी पड़ती है।बरसों बरस किस्तों में खुद को खर्च करना पड़ता है।अपनी निजी सुख चैन को आधा करना पड़ता है तब जाकर मिलती है चौगुनी खुशियां , अलौकिक सुख और परमानन्द ..... । 

कुछ मुश्किलें जरूर आती हैं संयुक्त परिवार में लेकिन जो सुख मिलता है वो उन मुश्किलों के मुकाबले बहुत अधिक होता है ।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Inspirational