बुरी आदत
बुरी आदत
सामने सारे दोस्त पुराने टायर के साथ खेल रहे थे, सब कितना खुश थे, दूर खड़ा विश्वास उन्हें देख रहा था,पर उसकी ओर किसी ने ध्यान ही नहीं दिया! वो मायूस था कभी अपने उस नए बैट को देखता कभी अपने दोस्तों को, अचानक से उसने बैट को ज़ोर से पटक दिया, सारे बच्चे उसकी और देखने लगे...अचानक से विश्वास रोने लगा, रोते हुए कहने लगा मुझे भी तुम सब के साथ खेलना है !"
" क्यों अपने नए बैट के साथ नहीं खेलोगे,दिव्यांश ने चिढ़ते हुए कहा !
"नहीं मुझे तो तुम सब के साथ ही खेलना है, विश्वास ने मिमियाते हुए कहा !
"मैं किसी खिलौने के साथ नहीं खेलूंगा ,वो सारे बुरे हैं, हमेशा तुम्हारे साथ मेरा झगड़ा करवाते हैं "विश्वास ने बड़ी आशा से दोस्तों की तरफ देखते हुए कहा !
"अरे पागल....तेरे खिलौने बुरे नहीं, बुरी तो तेरी आदत है अपने खिलौनों की अकड़ दिखाने की !"वंश ने कहा !
"अब नहीं दिखाऊंगा...प्लीज ...आज ही ये बुरी आदत छोड़ दूँगा, प्लीज मुझे अपने साथ खिला लो ना...!" विश्वास ने आग्रह किया !
"अच्छा आजा पर अब हम क्रिकेट खेलेंगे...!"ब्रजेश ने ज़मीन पर पड़ा बैट उठाते हुए कहा !
"पहली बारी मेरी क्योंकि बैट मेरा है !"आदतन विश्वास के मुंह से निकला
"क्या ?" एक साथ सब चिल्लाये !
" नहीं वो...मुंह से निकल गया था!"
"चलो...आज सब को बैटिंग मिलेगी....सिवाय विश्वास के आज ये सिर्फ फील्डिंग करेगा...पिछले हफ्ते इसने बहुत बैटिंग की है !" सब हँसने लगे ,विश्वास भी ज़बरदस्ती की हंसी हंसा !
और थोड़ी देर बाद सब के साथ -साथ विश्वास के ठहाकों की आवाज़ भी आ रही थी !