Find your balance with The Structure of Peace & grab 30% off on first 50 orders!!
Find your balance with The Structure of Peace & grab 30% off on first 50 orders!!

Kiran Bala

Drama Inspirational

4.1  

Kiran Bala

Drama Inspirational

बस स्टैण्ड

बस स्टैण्ड

2 mins
3.2K


अम्मा बस स्टैण्ड पर ही उतरना, कहीं बीच में उतर गईं तो रास्ता भी न मिलेगा...बेटे ने माँ को बस में बैठाते हुए हिदायत देते हुए कहा। ठीक है बेटा, मैं पहुँच जाऊंगी (75 वर्षीय बुजुर्ग महिला ने अपने भीतर की घबराहट को छिपाते हुए कहा।)

'मैं फोन कर दूंगी, पहुँच कर।'

अम्मा ये रहा तुम्हारा टिकट, सँभाल कर रखना।

अब बस रवाना हो चुकी थी, अपने दोनों बैग को व्यवस्थित करते हुए वह अतीत की स्मृति में खो गई।  

भीषण गर्मी में खिड़की से आते हवा के झोंके से न जाने कब उसकी आँख लग गई पता ही नहीं चला।

काफी समय बीत जाने पर जब उसकी नींद खुली तो उसने साथ बैठे यात्री से पूछा, "बेटा बस स्टैण्ड आ गया क्या? " नहीं अम्मा, अभी देर लगेगी।  

अच्छा -अच्छा ठीक है, यह कहकर वो फिर से सो गई।

एक पड़ाव से दूसरे पड़ाव पर बस पहुँचती गई, अनेक यात्री उतरे और चढ़ते गये। बीच में जब कहीं बुजुर्ग महिला की आँख खुलती तो वो अन्य यात्री से पूछ लेती कि बस स्टैण्ड आया कि नहीं। उनका यही जवाब होता कि अभी नहीं आया। एक विचित्र सी स्थिति वहाँ उत्पन्न हो गई थी, बुजुर्ग महिला ये नहीं बता रही थी कि उसे कौन से बस स्टैण्ड पर उतरना है और अन्य यात्री ये सोचकर कि शायद उसे अंतिम पड़ाव पर उतरना है कह देते कि अभी नहीं आया।

इसी तरह 5 घण्टे व्यतीत हो गए। ये क्रम उसी प्रकार चलता रहा। अब बस आखिरी मुकाम पर पहुंच चुकी

थी।  सभी यात्री बस से उतर चुके थे किंतु वो बुजुर्ग महिला अभी भी गहरी नींद में सो रही थी।  

अरे अम्मा ! उठो, देखो बस स्टैण्ड आ गया है... लाओ मैं तुम्हारा सामान उतरवा देता हूँ ,यह कहकर जैसे ही कंडक्टर ने अम्मा का बैग उठाया, वो वहीं पर 

गिर गईं।

कैसी विडंबना है कि हम में से अधिकांश मानव बेफिक्री से जीवन रूपी सफर को तय करते हैं ये सोचकर कि अभी तो काफी वक्त है, हो जाएगा लक्ष्य पूरा और फिर सो जाते हैं ऐसी ही बेफिक्री की नींद जो कभी वक्त पर नहीं खुलती।

ऐसे कितने ही मौके हाथ से फिसलते जाते हैं जिन्हें वक्त रहते हम नज़र अंदाज़ कर देते हैं। जागते भी तब हैं जब न आगे जाया जा सकता है और न ही पीछे।  

इसी दोराहे के इर्द-गिर्द वक्त के साथ निरंतर घूमती रहती है जिन्दगी...जो समय रहते इन मौकों को थाम लेते हैं और समयानुसार लक्ष्य पर ध्यान केन्द्रित करते हैं वो ही जीवन का सही मायने में सदुपयोग करते हैं।


          



Rate this content
Log in

More hindi story from Kiran Bala

Similar hindi story from Drama