बिज़नेस वीमेन ऑफ़ दी ईयर
बिज़नेस वीमेन ऑफ़ दी ईयर
"सान्वी, इतनी मेहनत करने से क्या लाभ ? तुम अपने स्टार्ट अप का विचार छोड़ ही दो। आजकल क्रोशिये से बनी हुई चीज़ें कौन खरीदता है।"
"इससे तो अच्छा है तुम कोई नौकरी ढूँढ लो।"
"न जाने कब स्टार्ट अप जमेगा ? शादी की उम्र निकली जा रही है, पहले शादी कर लो।"
लेकिन सान्वी ने किसी की नहीं सुनी, क्यूँकि वह अच्छे से जानती थी कि लाभ और घाटे के बीच केवल एक ही अंतर है और वह है हार नहीं मानना। हार मानकर बीच में ही छोड़ देंगे तो घाटा कभी भी लाभ में नहीं बदलेगा। आज सान्वी को मिले बिज़नेस वीमेन ऑफ़ दी ईयर अवार्ड ने सभी के मुँह पर ताले जड़ दिए थे।