कभी माँ की आँखों का दुलार। जाने कितने रूप धरता है ? अपरिमित ! कभी माँ की आँखों का दुलार। जाने कितने रूप धरता है ? अपरिमित !
आदमी की चालाकी ही उसे ले डूबती है। आदमी की चालाकी ही उसे ले डूबती है।
दूसरी ओर यह पढ़ा - लिखा परिवार है जो मतदान के महत्त्व को जानते हुए भी उसके प्रति कैसी दूसरी ओर यह पढ़ा - लिखा परिवार है जो मतदान के महत्त्व को जानते हुए भी उसके प्रति...
इससे तो अच्छा है तुम कोई नौकरी ढूँढ लो इससे तो अच्छा है तुम कोई नौकरी ढूँढ लो
सभी मित्र नजदीक ही शराब के ठेके पर पहुंच गए और जम कर गला तर करने लगे। सभी मित्र नजदीक ही शराब के ठेके पर पहुंच गए और जम कर गला तर करने लगे।
लिफाफा गिर गया दवा की शीशी चकनाचूर हो गई। लिफाफा गिर गया दवा की शीशी चकनाचूर हो गई।