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V. Aaradhyaa

Romance

4  

V. Aaradhyaa

Romance

बिंदी गोल नहीं

बिंदी गोल नहीं

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"और कितना देर लगाओगी,पार्टी के लिए देर हो रही है!"

राघव ने आवाज़ लगाई तो सजधजकर रंजीता बाहर आई।राघव ने गौर किया कि उसकी बिंदी कुछ टेढ़ी है पर कुछ कहा नहीं।बढ़ती उम्र उसके चेहरे पर अपने हस्ताक्षर करने से नहीँ चुकी थी,पर चेहरे पर एक गरिमा विराज़मान थी।

"आज तो कई सहेलियाँ जो कभी घमंड और कभी संकोच से बात नहीं करती थीं सबने मुझसे बात की और चुपके से बताया भी कि बिंदी टेढ़ी लगी है।आपने क्यूँ नहीं बताया?"

"ताकि सब तुमसे बात करें,तुम उपेक्षित ना महसूस करो!"पति के प्यार की पराकाष्ठा।


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