भूतों का भानगढ़
भूतों का भानगढ़
एक श्राप के कारण बना 'भूतों का भानगढ़
अगर भानगढ़ किले के इतिहास के बारे में बात करें तो इससे दो अलग-अलग कहानी सामने निकल कर आती है, जिसकी वजह से भानगढ़ किले को इतना डरावना बताया जाता है।
भानगढ़ के किले के बारे में बताया जाता है कि इस किले में रात के समय भूत का साया होता है, यहां पर रात में आत्माएं घूमती हैं और कई अजीब आवाज़े भी यहां सुनाई देती हैं। भानगढ़ किले को लेकर यह भी कहा जाता है कि जो कोई भी रात में किले में प्रवेश करता है, वह सुबह वापस नहीं लौट पाता।
एक श्राप के कारण बना 'भूतों का भानगढ़'
कहते हैं कि भानगढ़ की राजकुमारी रत्नावती बहुत खूबसूरत थी। उस समय राजकुमारी खूबसूरती की चर्चा पूरे राज्य में थी। कई राज्यों से रत्नावती के लिए विवाह के प्रस्ताव आ रहे थे। उसी दौरान वो एक बार किले से अपनी सखियों के साथ बाजार में निकली। बाजार में वह एक इत्र की दुकान पर पहुंची और इत्र को हाथ में लेकर उसकी खुशबू सूंघ रही थी। उसी समय उस दुकान से कुछ दूरी सिंधु सेवड़ा नाम का व्यक्ति खड़ा हो कर राजकुमारी को निहार रहा था। सिंघीया उसी राज्य का रहने वाला था और वह काले जादू में महारथी था।
कथित रूप से राजकुमारी के रूप को देख तांत्रिक मोहित हो गया था और राजकुमारी से प्रेम करने लग गया और राजकुमारी को हासिल करने के बारे में सोचने लगा। लेकिन रत्नावती ने कभी उसे पलटकर नहीं देखा।
जिस दुकान से राजकुमारी के लिए इत्र जाता था उसने उस दुकान में जाकर रत्नावती को भेजे जाने वाली इस की बोतल पर काला जादू कर उस पर वशीकरण मंत्र का प्रयोग किया। जब राजकुमारी को सच्चाई पता चल गई, तो उसने इत्र की शीशी पास ही एक पत्थर फेंक दी। इससे शीशी टूट गई और इत्र बिखर गया।
काला जादू होने के कारण पत्थर सिंधु सेवड़ा के पीछे हो लिया और उसे कुचल डाला। सिंधु सेवड़ा तो मर गया, लेकिन मरने से पहले उस तांत्रिक ने श्राप दिया कि इस किले में रहने वाले सभी लोग जल्द ही मर जाएंगे और दुबारा जन्म नहीं लेंगे। उनकी आत्मा इस किले में ही भटकती रहेंगी। आज 21वीं सदी में भी लोगों में इस बात को लेकर भय है कि भानगढ़ में भूतों का निवास है।
श्राप के बाद हुआ युद्ध।
तांत्रिक के मरने के बाद भानगढ़ व अजबगढ़ के बीच युद्ध हुआ और भानगढ़ किले के सारे लोग मारे गए। इसमें राजकुमारी भी शामिल थीं। लोग कहते हैं कि एक किले में इस तरह इतने लोगों के एक साथ मरने के बाद वहां चीत्कार मच गया और अब उन सबकी आत्माएं किले में घूमती हैं।