Raginee Srivastava

Tragedy

5.0  

Raginee Srivastava

Tragedy

भूलती यादें।

भूलती यादें।

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वसुधा चाची को भूलने वाली बीमारी हो गयी है, ये बात चाची के मायके ललितपुर में जिस किसी के कानों में पड़ी वह अचकचा गया। सबकी ज़ुबान पर एक ही सवाल था कि वसुधा को तो बरसो पुरानी बात याद रहती है और फिर ये भी कोई उम्र है बीमारी की...मात्र 55 साल।

हाँ ! 55 साल की ही तो थीं वसुधा चाची मगर ज़िम्मेदारिया तो सौ साल की निभा ली थी। पांच छोटे देवर ननदो की जिम्मेदारियां सास ससुर की सेवा टहल और सबसे ऊपर चाचा का कड़कदार व्यवहार निभाने की क्षमता थी वसुधा चाची में।

देवर ननदों की शादी में लाखों का हिसाब मानों ज़ुबान पर लिखा रहता। गृहस्थी की पूरी दिनचर्या घड़ी की सुइयों के हिसाब निभाती बस उन्हें अपने नाश्ते खाने की याद नहीं रहती थी। बाद में ख़ुद के तीन बच्चों की ज़िम्मेदारिया निभाते निभाते कुछ कुछ भुलने लगी थी वसुधा चाची... पर किसी ने गम्भीरता से नहीं लिया।

सभी को होश तब आया जब एक दिन बुखार में तपती चाची दिन भर 'ललितपुर' को याद करती रही और चाचा को भी न पहचान सकी। आनन फानन में डॉक्टर के यहाँ पहुँचे ज़रुरी दवाइयों को लेते हुए डॉक्टर की कही बातें चाचा के कानों में गूंज रही थी।

"ये अपनी वर्तमान स्मृति खोती जा रही है...बचपन की बातें इन्हें याद है इनका ध्यान रखने की सख्त जरूरत है और इधर चाचा को 35 साल पुरानी अपनी गृहस्थी की एक एक बात याद आ रही थी।


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