बहुत प्यार करते हैं तुमको सनम
बहुत प्यार करते हैं तुमको सनम
यह कहानी ऐसे शख्स की है जो अपनी पत्नी को प्यार तो बहुत करते हैं ।मगर अपने पारिवारिक माहौल और घर में शांति रखने के चक्कर में, अपना खास उद्देश्य की शादी किस लिए करी है वही भूल जाते हैं।और अपनी शादी करने के बाद पत्नी पर पूरे घर की जवाबदारी डालकर वह हमेशा नेगलेक्ट करते हैं। मन में चाहते हैं कि उसकी मदद करें।मगर हमेशा नजरअंदाज करते ।एक बार अपनी मां और भाई के चढ़ाने पर कि तुम्हारी पत्नी घर के सब काम नहीं करती है।तुमसे ज्यादा पढ़ी लिखी है तो क्या हमारे सिर पर बिठा कर रखें।वह अपनी पत्नी को सबके सामने बिना गलती के ही डांट देता है।
उस दिन के बाद उसकी पत्नी खामोश सी हो जाती है।बिना जरूरत के हंसना मुस्कुराना तो दूर बात भी कम करती है।और सुबह जल्दी उठकर पूरे घर के काम निपटाने में लगती है।
ऐसे करते-करते बहुत लंबा समय निकल गया। और उस शक्स को मन में यह बात बहुत ही ज्यादा दुखी कर रही थी,कि मैं अपनी पत्नी को लड़ा।मैं उसको इतना प्यार करता हूं पर कह नहीं पा रहा हूं ।और वह इसी गिल्ट में बहुत परेशान रहने लगा। बच्चे भी बड़े हो गए थे।सब अपनी अपनी पढ़ाई में लग गए थे ।
एक दिन वो अपनी बिजनेस में असिस्टेंट जो का उसको अपना भाई जैसा मानती थी ,को बात करता है "कि मैंने जिंदगी में बहुत गलतियां करी।मैं अपनी पत्नी को बहुत प्यार करता था।शुरू शुरू में मैं उसके आगे पीछे घूमता था ।तो मेरी मां और भाई मुझे जोरू का गुलाम कहते थे ।और बहुत ज्यादा लताड़ते थे।तो मैंने उसकी तरफ मन होते हुए भी उसकी तरफ ध्यान देना कम कर दिया था, कि कोई मुझे कुछ ऐसा कहना दे। जो सही नहीं हो।और ऐसा होते होते मैं अपने कर्तव्य से विमुख हो गया ।यहां तक की मेरा बच्चा बीमार था उसको टाइफाइड हो गया था तो भी मैं उसको हॉस्पिटल ले जाने की जगह मां को तीरथ यात्रा पर लेकर चला गया ।और सारा मेरी पत्नी को संभालना पड़ा ।उसकी वह कातर आंखें मुझे आज भी शर्मिंदा करती हैं।और उसका एकदम कातर तरीके से देखना मुझको दिल को अंदर तक भेद जाता है ।अब तो मां भी नहीं रही भाई भी अलग हो गए। मगर मैं अपनी पत्नी से जुड़ नहीं पाया। ना कभी उसको अपने मन की बात कह पाया।ना उस से अपने मन की बात सुन पाया।मैं बहुत दुखी हूं ।बहुत परेशान हूं कि मैंने मेरी पत्नी के साथ बहुत गलत करा । मैं इसी गिल्ट के साथ जी रहा हूंअब मैं उसको कैसे कहूं कि मैं तुमको बहुत प्यार करता हूं ।
पुराना सब भूल जाओ।वे परिस्थिति जन्य प्रॉब्लम थी।मुझे लगता है मैं ही शांति रखने के चक्कर में अपनी आंखें मूंदे बैठा था। सही तो मुझे मेरी आवाज उठानी चाहिए थी।अगर मैं मेरी आवाज उठाता तो आज मेरी जिंदगी 20 साल के अंदर ही इतनी एकाकी हो गई है ,वैसी ना होती।समझ नहीं आता मैं क्या करूं।तुम ही मुझे बताओ कि मैं क्या करूं। मैं मेरी पत्नी को बताना चाहता हूं कि मैं तुमको बहुत प्यार करता हूं।
और अब अपन और अच्छे से रहें।मैं क्या करूं कैसे करूं । मुझे कोई रास्ता नहीं सूझ रहा जिससे मेरे मन को शांति मिले और मैं मेरे मन की बात उसको कह पाऊं ।"
उसकी असिस्टेंट बोलती है "एक बार जाकर के अपनी पत्नी को बोलो कि मैं तुमको बहुत प्यार करता हूं।अगर वह नहीं पसंद करेगी तो तुमको अभी तक कुछ नहीं बोली ।तो क्या बोलेगी।बिना बताए तो उसको भी पता नहीं लगेगा कि आपके मन में क्या है।और आप अपने मन में इतनी ग्लानि ना रखो ।"
उसको यह बात पसंद आती है ।शाम को वह अपने घर गुलाब के फूल लेकर जाता है।अपनी पत्नी को बोलता है तुम मेरे पास बैठो।पानी देकर कर जा रही होती है तो उसका हाथ पकड़ के उसको बोलता है तुम यहां बैठो। और उसको गुलाब के फूल देता है। और बोलता है बहुत प्यार करते हैं तुमको सनम ,मैं तुमको बहुत प्यार करता हूं।मगर कभी कह नहीं पाया।उसकी पत्नी सवालिया निगाह से उसको देखती है।
खुश भी होती है मगर जताती नहीं। चुपचाप खाना बनाकर वही रोज का रूटीन सब खाना खा कर सो जाते हैं। दूसरे दिन सुबह जब वह उठता है ,तो देखता है पूरा कमरा सजा हुआ है।उसकी पत्नी ने भी सुंदर सी साड़ी पहन रखी है ।और सुंदर सी सजी हुई है ।और उसके पास आकर के खुशी से उसके गले लगती है,और उसको बोलती है हम भी तुमको बहुत प्यार करते हैं।जो गया उसे भूल जाओ।जिस समय हम जगे तभी सवेरा। और वह गाना लगाती है।बहुत प्यार करते हैं तुमको सनम ।उसी समय पीछे से बहुत सारे हार्ट शेप के गुब्बारे उड़ते हैं। लाल गुब्बारे और बच्चे भी आकर तालियां बजाने लगते हैं।और उसकी असिस्टेंट भी आकर के उन लोगों के साथ में ताली बजाकर डांस करने लगती है।
सब बहुत खुश होते हैं ।और उसके मन का गिल्ट खत्म हो जाता है ।और सब उत्साह से एक नए सवेरे की ओर बढ़ जाता है।जहां नई प्यार भरी जिंदगी उनकी राह देख रही है ।जिंदगी के कोई भी मोड़ पर आपस में प्यार हो सकता है। बस महसूस करना और करवाने वाला चाहिएशादी के बाद दूसरे लोगों को खुश करने के चक्कर में अपनी पत्नी जो दूसरे घर से आई है अपना सब कुछ छोड़ कर खा ली पति के विश्वास पर उसको इग्नोर करके घरवालों को खुश रखो यह सही नहीं है।

