बहती गंगा में हाथ धोना
बहती गंगा में हाथ धोना
आजकल किसीको परिश्रम करके रुपए कमाना पसंद नहीं हैं सभी को शोर्ट कट चाहिए
एक ऐसी ही कहानी है आशा की।
आशा लेखिका थी साहित्य जगत में अलग-अलग ग्रुपों में थी एक व्यक्ति ने आशा के नंबर पे विडियो कोल करके परेशान करना चालु कर दिया आशा ने वो नंबर ब्लोक कर दिया तो दूसरे फिर तीसरे नंबर से विडियो कोल आने लगे अब आशा ने अपने परिवार वालों को बताया।
आशा के बेटे और उनके पति देव ने उस नंबर पर फोन किया पर वो फोन रिसीव ही नहीं करता।
फिर रात को आशा के नंबर पर विडियो कोल आया आशा के बेटे ने विडियो कोल उठाया और बात करने की कोशिश की पर उस आदमी ने अपने मुंह ढक रखा था और गन्दी हरकत करने लगा फिर आशा के नंबर पर गन्दी विडियो भेजा और पेमेंट की मांग कीया और लगातार विडियो कोल करने लगा।
आशा डर गई और रोने लगी उसके बेटे ने उसे लेजाकर पुलिस फरियाद की और सायबर क्राईम में केस दर्ज करवाया।
सायबर क्राईम ने उसे पकड़ लिया तो उस व्यक्ति ने बताया कि वो साहित्य जगत के ग्रुपों में अलग नंबर से एड होता और बादमें फर्जी सीम कार्ड खरीदकर वो विडियो कोल करता और भूल से वो महिला कोल उठाले तो टेक्नोलॉजी से उसे विडियो में एड करके ब्लेक मेल करते और *बहती गंगा में हाथ धो लेते* क्युकी ज्यादातर महिलाएं की बात पर उनके घर वालों भरोसा नहीं करते और हमें रुपए मिलते।
ये समाज में अभी तक औरत की भावना को नहीं समझते और बदनामी के डर से हमें मौका मिलता है।