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Akanksha Gupta (Vedantika)

Abstract

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Akanksha Gupta (Vedantika)

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भाई बहन

भाई बहन

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एक कमरे में जमीन पर बहन और पलँग पर भाई बैठे हुए थे।


भाई- “ए मोटी, क्या कर रही है?”


बहन- “पहली बात तो ये कि मैं मोटी नहीं हूँ। दूसरी बात ये कि मैं ये सोच रही हूँ कि आपको कैसे परेशान किया जा सकता है?”


भाई- “रुक अभी बताता हूँ, जब पिटाई होगी तब पता चलेगा कि कौन मोटा है और कौन पतला।”


बहन- “उसके लिए आपको नीचे आना पड़ेगा। वैसे रक्षा बंधन पर क्या दे रहे हो?”


भाई- “मुझे कुछ सुनाई नहीं दे रहा। कुछ कह रही थी क्या?”


बहन- “मैं आपको पाँच सौ रुपये देने वाली थी।”


भाई- “हज़ार रुपये से कम नहीं लूंगा।”


तभी किसी का फोन आ गया और भगवान ने एक बहन के गुस्से से एक भाई को बचा लिया वरना पता नहीं क्या होता।



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