भाग्य में सौदेबाज किस्मत
भाग्य में सौदेबाज किस्मत
सौदेबाज किस्मत इस पर मुझे यह घटना याद आ रही है।
कहानी नहीं हकीकत है।और सच।
हमारे साथ में पढ़ने वाली मेडिकल के लिए एंट्रेंस एग्जाम पीएम टी देने वाली नौ लड़कियों में से सबका सिलेक्शन मेडिकल के लिए हो गया था। फिर पता नहीं क्या हुआ।
9 में 8 की लड़कियों को एडमिशन दिया गया। जो नवमी लड़की थी, जिसने दिलो जान से मेडिकल एंट्रेंस की तैयारी करी थी।
और एडमिशन क्लियर होने पर बड़ी पार्टी वार्टी सब करा था।उसको कुछ सीट्स के प्रॉब्लम में रोक दिया। बहुत बहुत ही दुखी हो गई।
उसने अपनी किस्मत की सौदेबाजी समझ कर इसको स्वीकार कर लिया।
ऐसा करते हुए वह वापस हमारी क्लास में आने लगी।इसी तरह पढ़ते-पढ़ते 2 महीने बीत गए। दूसरे भी किसी स्टूडेंट के साथ में ऐसा हुआ होगा। तो उसने कोर्ट केस करा था और वह कोर्ट के जीत गया।
उसके चलते 2 महीने बाद में उस लड़की का मेडिकल एडमिशन का एडमिशन कार्ड आया पूरी क्लास में खुशी का माहौल बन गया सब बहुत खुश हुए।
आज वह लड़की की बहुत अच्छी गायनोकोलॉजिस्ट है।यह उसकी किस्मत की सौदेबाजी है।
एक बार उसको वापस निराश किया।और फिर उसको वापस खुश कर दिया।
इसी तरह वह भाई जो बम विस्फोट के कारण में बी कॉम सेकंड ईयर के एग्जाम में अपसेट हो करके अपना एग्जाम अच्छी तरह नहीं दे पाए थे।
और रिजल्ट जाने पर 25 परसेंट नंबर आए और फेल घोषित कर दिया।
फिर वापस उसी क्लास में एडमिशन लिया।
2 महीने 3 महीने बाद गवर्नमेंट ने 25 परसेंट वालों को पास कर दिया। और उसके बाद उन्होंने इतनी अच्छी पढ़ाई करी कि उनका फर्स्ट क्लास आया। यह किस्मत की सौदेबाजी ही तो है।
इसके बाद उन्होंने बहुत अच्छी पढ़ाई करी।
सीए करा।
अपना कैरियर बनाया। बहुत बड़ी बड़ी कंपनी सी ई ओ रहे और रिटायर हुए। इससे बड़ा सौदेबाज किस्मत का क्या उदाहरण होगा।
