बेबस दुनियाँ
बेबस दुनियाँ


एक माइक्रो - साइज बैक्टिरिया ने इतनी विशाल दुनियाँ की तख्त हिला दी। कोरोना कहलाने वाले इस वायरस का कहर पूरी दुनियाँ में फैल चुका है। जाहिर सी बात है पूरा संसार इस वायरस से परेशान है और जनसंख्या की दृष्टि से भारत जैसे विशाल देश में ये एक भयानक रूप है जो हर किसी को बेबस और लाचार बना रहा है। विश्व का महाशक्ति कहलाने वाले देश अमेरिका ने भी इसके आगे हार मानकर कहा है कि अब इससे होने वाली मौत हमारे बस में नहीं है। भारत में 25 मार्च से 14 अप्रैल तक लगा लॉक डाउन बढ़कर 3 मई तक किया गया था और अब 3 मई से 17 मई तक कर दिया गया है।
जाहिर सी बात पूरी दुनियाँ परेशान है और हर कोई अपने अपने रब से दुआ कर रहा है कि हमे जल्द से जल्द इस महामारी से बचाये।
मेरे शब्दों में -
लाचार होकर आज पूरा विश्व हिला कोरोना से।
गरीबों पर हुआ भूख का अत्याचार कोरोना से।
रोजमर्रा की जिंदगी हुई लाचार कोरोना इस से।
एक बाप का खत्म हुआ प्यार, इस कोरोना से।
भूख से मरने वाले बढ़ने लगे, दुर्घटना से घटने लगे है।
नदियों का साफ, आँखों का पानी छलकने लगा है।
कैसा कहर है ए ख़ुदा तेरे इस दुनिया की दुकान में
तेरा ही समान, तुझे बेचकर मौत से बचने लगा है।
लेकिन ये तो तय है कि मौत के इस मैदान में
जिंदगी जीत जाएगी जल्द ही।