बच्चों के करीब
बच्चों के करीब


इन दिनों जब हम घर बैठ कर सारे काम कर रहे हैं,
तो बच्चों भी हमारी मदद कर रहे एक मौका बच्चों के करीब आने का, इस भागदौड़ भरी जिंदगी में चैंन से बैठकर बच्चों से कम ही बात हो पाती थी, अब उनसे बातें तो होती है।
साथ ही उनके विचार, उनकी रूचि, उनको सही गलत के परिणाम और महापुरुषों की जीवन गाथा सुनाकर उनके साथ खेल कर उनके दोस्त बनकर हम बहुत सुकून महसूस कर रहे हैं, सच हम बहुत कुछ जैसे भूल रहे थे, अपना बचपन वो फिर लौट आया जब हम बच्चों के करीब आये।