हमारा कर्तव्य वृक्षारोपण
हमारा कर्तव्य वृक्षारोपण


आज पृथ्वी दिवस है, हम आज बहुत बड़ी समस्या से जूझ रहे हैं वो है कोरोना।कल इससे भी विकट समस्या हमारे सामने खड़ी होने बाली है ,वो है शुद्ध हवा में सांस और पानी कहाँ से मिलेगा? मनुष्य अपनी लालची प्रवृत्ति के कारण आदिकाल से ही प्रकृति का अंधाधुंध दोहन करता चला आ रहा है जिससे प्राकृतिक आपदा आती ही रहती है प्रकृति का संतुलन बिगाड़ कर हम स्वयं ही भविष्य को संकटग्रस्त बना रहे हैं ये शुभ संकेत नही है।
हम वृक्षारोपण कर इस धरा को सुदंर और भविष्य को सुखद बना सकते हैं बस आवश्यकता है एक सकारात्मक पहल की, वृक्षारोपण की जिससे आगामी पीढ़ी को विरासत में हम कुछ अमूल्य दे सके।