Dr Jogender Singh(jogi)

Comedy

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बैल की शादी

बैल की शादी

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"कोई अपनी जीभ से नाक को छू सकता है "? नरेश ने ऐलान किया । सारे बच्चे अपनी अपनी जीभ निकाल कर नाक तक पन्हुचाने की कोशिश करने लगे । पर नाक के आसपास भी कोई नहीं पंहुचा पाया ।सब थक गये , " तू कर के दिखा " ज्ञान ने  चिढ़ते हुये नरेश से बोला । नरेश ने बमुश्किल नाक को जीभ से छुआ । कैसे किया ? कैसे किया ? सबने नरेश को घेर लिया । क्या हो रहा है ? दुग्गल सर की आवाज़ थी । सब लोग अपनी अपनी सीट पर बैठ गये । 

क्लास के बाद भूपेन्द्र ने पूछा " जगमोहन !! नरेश क्या कर रहा था ?" जीभ से नाक छू ली उसने " जगमोहन ने जवाब दिया ।

ऐसे !!!! भूपेन्द्र ने बड़े आराम से जीभ निकाल कर नाक का ऊपरी हिस्सा छू लिया , ऐन किसी बैल की तरह । अरे देखो सब जगमोहन चिल्लाया । क्या है ? गोपाल ने पूछा । सब लोग आओ ऊखल ( भूपेन्द्र का घर का नाम ) फिर से कर एक बार । फिर एक बार बैल की तरह नाक को छू लिया ।" बैल !!! " मदन बोला । सब हँस पड़े । " बहुत मारूँगा " ऊखल ने मदन को धमकाया।"ऊखल बैल है , ऊखल बैल है " चिढ़ाता मदन भाग गया । 

ऊखल की नानी का घर हम लोगों के गाँव में था । पढ़ाई में उसका मन नहीं लगता । एक बार अकेले में उससे पूछा " तुम्हारा नाम ऊखल कैसे पड़ा " ?? मेरी माँ धान कूट रही थी , मैं ऊखल के पास पैदा हुआ इसलिए मेरा नाम ऊखल रख दिया ,बड़े गर्व से उसने बताया ।यह बात सच थी , इसकी पुष्टि उसके मामा ने कर दी । 

ऊखल को खाने और कसरत करने का शौक़ था । पढ़ाई एक बोझ थी उसके लिये । मदन को रोज़ उसे  चिढ़ाना होता , किसी दिन बैल , कभी ऊखल कह कर , कभी मोटी  बुद्धि पहलवान कहकर । धीरे धीरे उसने चिढ़ना छोड़ दिया । पर नाक को जीभ से छू कर ज़रूर दिखा देता । 

दो बार एक ही क्लास में फेल होने के बाद उसने स्कूल छोड़ दिया । सालों बाद उसकी शादी में उसके गाँव जाना हुआ ।शेरवानी पहने ऊखल सुंदर सजीला दिख रहा था । एकदम भूपेन्द्र (राजा जैसा) । "नाक छू कर दिखाओ यार एक बार "। उसने सहज ही नाक को छू लिया सरलता से । लगा मदन पीछे से चिल्ला रहा है " बैल" । बरबस ही एक मुस्कुराहट मेरे होंठों पर फैल गयी " बैल की शादी " अगर मदन होता तो ज़रूर यही बोलता ।।


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