अवसाद
अवसाद


अवसाद एक डर है शायद लेकिन आप खुद नहीं जानते ये सब दिमाग और दिल का रचा खेल है जो आप नहीं समझ सकते. पुरुष जातक में सबसे ज्यादा अवसाद के मामले देखे गए है. अवसाद का काम बाहरी दुनिया या कुछ अटूट रिश्ते कर सकते है. कोई गरीबी से परेशान कोई शादी से परेशान कोई नौकरी से परेशान ये सब अवसाद को बढ़ावा देते है. मशहूर होने की होड़ में लोग अंधे होने के साथ - साथ अवसाद को जन्म दे रहे है. तलवे चाटने वाला कभी ऊपर उठ नहीं सकता और ऊँचाईयो पर रहने वाले किसी को ऊपर उठने नहीं देते. किसी को खोने का डर या भविष्य की चिंता भी आपको अवसाद में ले जा सकती है. हर कोई शांति की तलाश में है लेकिन हर जगह अशांति का माहौल बना हुआ है. आप अपने भविष्य को आप एक मार्ग बना कर चलते है लेकिन वह चलते चलते गड़बड़ा जाती है. अकेलापन आपको अवसाद का मार्ग दिखा सकती है कुछ भी न सोचना आपको अवसाद से बचा सकती है . मजाक का पात्र बनना आपको अवसाद की तरफ ले जा सकती है. अमीर होने की होड़ या मशहूर होने की होड़ भी आपको अवसाद में ले जा सकती है. भगवान को याद दुःख में करते और सुख में तो भगवान याद ही नहीं आते. कोई भी आपको ऊंँचाइयों पर नहीं देख सकता इसलिए वह आपको किसी न किसी तरह गिराने की सोचेगा. दिल से बड़ी चीज है दिमाग जिससे सब बदल सकते है. किसी को खोने के डर से मत डरो बल्कि किसी अच्छे होने की ख्वाहिश रखो. दुनिया को देखकर इंसान सीखता है इसलिए गलती इंसान की नहीं सीख की है.