STORYMIRROR

HORILAL GHRITLAHARE

Romance Classics Thriller

4  

HORILAL GHRITLAHARE

Romance Classics Thriller

अर्स्वथामा एक खोज

अर्स्वथामा एक खोज

5 mins
360

दोस्तों आपने आपने महाभारत के बारे में तो सुना ही होगा उसमे एक महारथी भी बहुत ही परचलित है जिसका नाम अर्स्वथामा है महाभारत काल का एक व्यक्ति जिसके बारे में यह माना जाता है कि वह आज भी जिंदा है। इस व्यक्ति का नाम है अश्वत्थामा। यह कौरव और पाण्डवों के गुरु द्रोणाचार्य का पुत्र था। इसने महाभारत के युद्घ में कौरवों की ओर से युद्घ किया था। लेकिन अपनी एक गलती के कारण इसे एक शाप मिल जिसके कारण यह दुनिया खत्म होने तक जीवित रहेगा और भटकेगा। 

अश्वत्थामा को दुनिया खत्म होने तक भटकने का शाप देने वाले भगवान श्री कृष्ण थे। यह शाप श्री कृष्ण ने इसलिए दिया क्योंकि इसने पाण्डव पुत्रों की हत्या उस समय की थी जब वह सो रहे थे। इसने ब्रह्माशास्त्र से उत्तरा के गर्भ को भी नष्ट कर दिया था। गर्भ में पल रहे शिशु की हत्या से क्रोधित होकर श्री कृष्ण ने अश्वत्थामा को भयानक शाप दिया। अश्वत्थाम के इस घोर पाप का अनुचित लेकिन एक बड़ा कारण था।महाभारत के युद्घ में द्रोणाचार्य का वध करने के लिए पाण्डवों ने झूठी अफवाह फैला दी कि अश्वत्थामा मर चुका है। इससे द्रोणाचार्य शोक में डूब गए और पाण्डवों ने मौका देखकर द्रोणाचार्य का वध कर दिया। 

अपने पिता की छल से हुई हत्या का बदला लेने के लिए अश्वत्थामा ने पाण्डव पुत्रों की हत्या की। शाप के कारण शिर पर घाव लिए यहां भटक रहा है अश्वत्थामा।पाण्डवों की हत्या के बाद जब अश्वत्थामा भागा तब भीम ने उसका पीछा किया और अष्टभा क्षेत्र जो वर्तमान में गुजरात और महाराष्ट्र की सीमा के पास स्थित है। यहां दोनों के बीच गदा युद्घ हुआ। यहां भीम की गदा जमीन से टकराने के कारण एक कुण्ड बन गया है। पास ही में अश्वत्थाम कुंड भी है। यहां लोग मानते हैं कि आज भी रात के समय अश्वत्थामा मार्ग से भटके हुए लोगों को रास्ता दिखाता है।द्रोणनगरी में स्थित टपकेश्वर स्वयंभू शिवलिंग महर्षि द्रोणाचार्य की सिर्फ तपस्थली मानी जाती है। यहीं गरीबी के कारण दूध नहीं मिलने पर अश्वत्थामा ने भगवान से दूध प्राप्ति के लिए छह माह तक कठोर तपस्या की थी। 

अश्वत्थामा की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान ने उन्हें दूध प्राप्ति का आशीर्वाद दिया और पहली बार अश्वत्थामा ने दूध का स्वाद चखा। अश्वत्थामा के बारे में इतनी बात जानने के बाद आपके मन में यह सवाल आ रहा होगा कि अश्वत्थामा का नाम कैसे पड़ा। इसकी एक बड़ी रोचक कथा है। अश्वत्थामा ने जब जन्म लिया तब उसने अश्व के समान घोर शब्द किया। इसके बाद आकाशवाणी हुई कि यह बालक अश्‍वत्थामा के नाम से प्रसिद्घ होगा। महाभारत युद्घ समाप्त होने के बाद कौरवों की ओर से सिर्फ तीन योद्घा बचे थे कृप, कृतवर्मा और अश्वत्थामा। कृप हस्तिनापुर चले आए और कृतवर्मा द्वारिका। शाप से दुःखी अश्वत्थामा को व्यास मुनि ने शरण दिया। 

मध्यप्रदेश, उड़ीसा और उत्तराखंड के वनों में आज भी अश्वत्थामा को देखे जाने की चर्चाएं आती रहती है। ये कहा जाता है की दुनिया में मात्र दो लोग ही अमर है एक अर्स्वथामा और दुसरे महाबली हनुमान जी लेकिन क्या आपने कभी ये सोंचा है की वो अगर अमर है तो अभी कहा है मेरी कहानी भी इसी के ऊपर है मैं बचपन से काव्य पाठ करता हु तो इन सभी पात्रों के बारे में जनता हु और मन में इन लोगो से मिलने के लिए बहुत ही ज्यादा ललायित हुआ करता था

इसी सिलसिले में मैंने अपने गाँव के पास ही आये एक साधू महाराज से बात की उन्होंने यह बताया की ये सच की वे आज भी भटक रहे है कही किसी के द्वार में भिखारी के रूप में तो कही पुजारी के रूप में किसी मंदिर में नहीं तो और कही किसी गली में कही भी भिक्षा मांगता हुआ व्यक्ति भी वो हो सकता है क्योंकि ये जीवन प्यारे सभी को समय से पहले किसी की भी प्राप्ति नहीं होती है

साधू महाराज से मिलने के बाद और उनके वाणी सुनने के बाद आश्चर्य से घर चला गया कुछ ही दिनों के बाद की बात है मैं कालेज से दोपहर को आया थका हुआ था

कुर्सी में बैठा ही था की कुछ आवाज आया जो की मेरे माता जी की थी वो कुछ पूछ रही थी वही जो हर माँ पूछती है की मेरे बेटे के भविष्य कैसा है और ऐसे ही बहुत कुछ और मेरे चाचा किसी पे चिल्ला रहे थे की कुछ और काम धंधा नहीं है क्या आ जाते हो लुटने इतने अच्छे भले दिख रहे हो कुछ काम करके भी जी सकते हो

मैं थका हुआ था तो बहार नहीं आ पाया और कुछ ही देर में ये आवाज भी शांत हो गयी मैं बहार गया रूम से और पानी माँगा माँ से और पूछा क्या हुआ मन चाचा किस पर चिल्ला रहे थे तभी मन ने कहा कोई साधू आया था आशीर्वाद दे रहा था तो मैंने सोचा तेरे बारे में भी कुछ पूछ लूँ पता है तेरे नाम बताने मात्र से तेरे बारे में सब कुछ बता दिया

मैंने भी खुश होकर कुछ चावल दे दिया खाने के लिए तभी मन में मेरे साधू महाराज का बात आ गया क्या ये वो हो सकते है मैंने माँ से पूछा वो किस तरफ गए है माँ ने कहा आगे ही तो गए है पर तू कहा जा रहा है पानी तो अच्छे से पीले

उन्हें खोजते हुए पूरा गाँव घुम लिया पर फिर भी वो नहीं मिले मन वो बात आज भी है की वो गायब कैसे हो गये वो भी इतनी जल्दी और आज भी जब भी कोई साधू मेरे गाँव में आता है तो उनसे मिलता हु बाते करता हु ताकि ये जान सकू की ये वही तो नहीं है

“आज यहाँ हर कोई अर्स्वथामा है, भटक रहा है जीने को

जो कर्म किया उसे पिने को, जंगल झाड़ी गली गली

आज यहाँ हर कोई अर्स्वथामा है, आज यहाँ हर कोई अर्स्वथामा है”


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Romance