अर्पिता की प्रेम कहानी
अर्पिता की प्रेम कहानी
अर्पिता एक गांव की लड़की थी उसका पालन पोषण गांव में हुआ वह जिस घर में रहती थी उसके पड़ोस में ही उसका हम उम्र लड़का किशोर रहता था अर्पिता व किशोर साथ साथ ही खेले, पढ़े व बड़े हुए इस बीच उन्हें पता ही नहीं चला कि कब उनमें प्यार हो गया। दोनों साथ साथ रहते थे क्योंकि गांव में सभी एक दूसरे को भाई बहन मानते थे अतः किसी को भी पता ही नहीं चला कि उनके बीच क्या चल रहा है। दोनों में प्यार गहरा हो गया दोनों साथ जीने व साथ मरने की कसमें खाने लगे लेकिन दोनों को पता था कि उनके माता पिता ऐसा नहीं होने देंगे तथा समाज भी उन्हें इसकी अनुमति नहीं देगा। फिर भी उनका प्यार बढ़ता गया अब उनके घर वालो को भी आभास हो गया कि कुछ तो गड़बड़ है इसी शक के आधार पर अर्पिता के घर वालो ने उसकी शादी शहर में एक नौकरी करने वाले लड़के से कर दी। उसने किशोर से कहा की चलो भाग चले फिर शादी कर लेंगे लेकिन न तो किशोर और न ही अर्पिता यह कदम उठा पाए अंततः अर्पिता की शादी धूमधाम से हो गई। उसके पति का नाम श्याम था वह एक अधिकारी था तथा अच्छे परिवार से था शादी के बाद अर्पिता और श्याम साथ साथ रहने लगे। उनमें प्यार भी हो गया लेकिन अर्पिता अपने पहले प्यार को भुला नहीं पाई।
समय बीतता गया अर्पिता का जीवन भी खुशी से भरता चलता गया इसी बीच अर्पिता ने एक बेटी व एक बेटे को जन्म दिया उसने बच्चों का पालन पोषण शुरू किया श्याम अर्पिता को बेहद प्यार करता था बच्चों का प्रवेश भी उन्होंने अच्छे स्कूल में करा दिया इसी दौरान किशोर की नौकरी भी उसी शहर में लग गई उसने अभी तक शादी नहीं की थी। वह अर्पिता को भुला नहीं पा रहा था, उसने अर्पिता के घर के पास ही घर ले लिया तथा नौकरी करने लगा। उसका अर्पिता के घर आना जाना शुरू हो गया श्याम को इसमें कोई आपत्ति नहीं थी क्योंकि वह तो उन्हें भाई बहन मानता था। सब कुछ ठीक ठाक चल रहा था लेकिन पुराना प्यार फिर हिलोरे भरने लगा, दोनों ने फिर मिलना जुलना शुरू कर दिया दोनों में फिर वही प्यार शुरू हो गया। अर्पिता भूल गई कि वह दो बच्चों को मां है तथा एक अच्छे खासे परिवार में जीवन मजे से जी रही है। अब किशोर व अर्पिता ने बाहर जाना व मिलना जुलना शुरू कर दिया दोनों में प्यार फिर से गहरा होता गया श्याम को भी दोनों पर शक होना शुरू हो गया। उसने उन्हें समझाने की कोशिश भी की लेकिन सब की सब व्यर्थ गई वे इस रास्ते पर आगे बढ़ते गए और ऐसे मुकाम पर पहुंच गए की जहां से लौटना मुश्किल था।
अर्पिता अपने पति से भी प्यार करती थी और अपने दोस्त को भी छोड़ना नहीं चाहती थीं लेकिन समाज इस त्रिकोणीय रिश्ते को स्वीकार नहीं करता है अतः लोगों में उनके संबंधों को लेकर तरह तरह की बाते होने लगी। अर्पिता के पति श्याम को भी बदनामी का डर सताने लगा अर्पिता और किशोर का प्यार आगे बढ़ता ही जा रहा था वह बिना सामाजिक लोक लिहाज के डर के इस रास्ते पर आगे बढ़ते रहे। वह कभी पार्क में मिलते घंटों बैठे रहते कभी साथ में डिनर करते व घूमते रहते। अर्पिता के घर में पति व बच्चे अर्पिता का इंतजार करते रहते। इस प्रकार से उसके घर में कलह शुरू हो गई बात बात पर लड़ाई व कलह होना आम बात हो गई पूरा घर परेशान हो गया। लेकिन अर्पिता इसकी प्रवाह किया बिना ही आगे बढ़ती गई अब उसके पति को लगने लगा कि उसे रोक पाना संभव नहीं उसने अपना स्थानांतरण अन्यत्र करा लिया। अर्पिता को लगा की अब वह किशोर से नहीं मिल पाएगी तथा किशोर को भी लगा की अब उन्हें दूर ही रहना पड़ेगा वह दोनों इस बात के लिए तैयार नहीं थे, अब अर्पिता का पति के साथ जाना भी जरूरी था अतः किशोर ने अर्पिता को एक खतरनाक प्लान बताई और कहा की श्याम को अपने रास्ते से हटाने के अलावा उनके पास कोई रास्ता नहीं है, लेकिन अर्पिता अपने पति से भी प्यार करती थी इसलिए वह उसे नुकसान पहुंचाना नहीं चाहती थी उसने इस प्लान से असहमति जताई तथा किशोर को चेतावनी दी कि वह श्याम को कोई नुकसान नहीं पहुँचायेगा, किशोर को लगा की वह अर्पिता को खो देगा उसने अपने दोस्त अरविंद के साथ मिलकर श्याम को अपने रास्ते से हटाने का प्लान बनाया। उन्होंने श्याम व अर्पिता से कहा कि अपने जाने की पार्टी करें श्याम इस बात के लिए तैयार हो गया उन्होंने श्याम को पार्टी के लिए एक जगह बुलाया वहाँ पर किशोर का दोस्त भी आ गया तीनों ने शराब पी तथा शराब पीने के बाद उन्होंने श्याम की हत्या कर दी तथा लाश को ठिकाने भी लगा दिया। जब रात को श्याम घर नहीं लौटा तो अर्पिता ने किशोर से पूछा की श्याम कहाँ है तो किशोर ने अर्पिता को कहा की उसने श्याम को रास्ते से हटा दिया अब हम दोनों आराम से रह सकेंगे। अर्पिता को लगा की उसका सब कुछ बर्बाद हो गया उसका हंसता खेलता परिवार बर्बाद हो गया उसके बच्चे अनाथ हो गए उसने तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दी, पुलिस ने किशोर व उसके दोस्त को मर्डर के आरोप में गिरफ्तार कर लिया केस चला और किशोर व उसके दोस्त को आजीवन कारावास की सजा हुई। अर्पिता का जीवन भी इस त्रिकोणीय प्यार की भेट चढ़ गया। इस कहानी का अंत बड़े ही खतरनाक तरीके से हुआ।