VIPIN KUMAR TYAGI

Inspirational

4.0  

VIPIN KUMAR TYAGI

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वीर सैनिक की कहानी

वीर सैनिक की कहानी

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यह देश है वीर जवानों का, अलबेलों का मस्तानों का,

इस देश का यारों क्या कहना, यह देश है दुनिया का गहना,

यह कहानी एक वीर सैनिक के परिवार की है एक सैनिक का परिवार गांव में रहता था। उस परिवार में सैनिक रामसिंह, उसकी पत्नी सीमा व दो बेटे कुणाल व राजू थे। रामसिंह सेना से रिटायर थे उन्होंने कई लड़ाइयां लड़ी थी तथा उन्हें वीर पदक मिला था वह अपनी वीरता की कहानियां अपने बच्चों को सुनाते थे। रामसिंह के पिता भी सैनिक थे तथा वह भी वीरता के पदक से सम्मानित थे अत यह परिवार सैनिक परिवार था तथा देश भक्ति से ओतप्रोत था बचपन से इस प्रकार की कहानियां सुनकर सुनकर की कुणाल व राजू बड़े हो रहे थे। दोनों ने शुरू से मन बना लिया कि वह भी सेना में ही जायेंगे, दोनों ने अपनी पढ़ाई शुरू की स्कूल में दोनों होशियार थे अपनी अपनी कक्षा में दोनों प्रथम आते थे। मां चाहती थी कि बेटे बड़े होकर अफसर बने तथा देश का नाम रोशन करे पहले कुणाल ने एनडीए की परीक्षा दी तथा उसका चयन एनडीए में हो गया। वह ट्रेनिंग में गया मां ने सोचा कि राजू तो इंजीनियर या डॉक्टर बन जाए लेकिन राजू ने भी एनडीए की परीक्षा दी तथा वह भी ट्रेनिंग में चला गया। दोनों ने अच्छे से ट्रेनिंग की तथा दोनों सेना में अफसर बन गए। रामसिंह को अपने ऊपर गर्व महसूस हुआ कि उसके दोनों बेटे सेना में अफसर बन गए कुणाल की ड्यूटी कश्मीर बॉर्डर पर लगी उसके साथ उसकी पूरी बटालियन थी वह देश सेवा से ओतप्रोत था तथा उसने निश्चय किया था कि वह बॉर्डर पर आतंकवादियों को देश में घुसने नहीं देगा। एक दिन उसे पता चला कि आतंकवादी देश में घुसना चाहते है वह अपनी टीम के साथ उसी जगह पर पहुंचा जहां से आतंकवादी घुसना चाहते थे। उसने मोर्चा संभाल लिया पाकिस्तान के सैनिकों ने वहां पर हमला किया कवर फायर दिया कुणाल ने उनका सामना किया, रात दिन लड़ाई होती रही कुणाल के साथ सैनिक भी एक ब्लास्ट में मारे गए उसे भी गोली लगी वह चाहता तो जान बचाकर जा सकता था। उसने अपनी यूनिट से सहायता मांगी जब तक सहायता व अन्य सैनिक पहुंचते आतंकवादियों को रोकना जरूरी था, उसने फायरिंग जारी रखी उसने उनमें से अनेक आतंकवादियों को मार दिया वह लड़ता रहा उसका खून बहता रहा उसकी हालत खराब होती जा रही थी उसने मोर्चा नहीं छोड़ा अंतिम आतंकवादी भी उसने मार गिराया लेकिन वह गंभीर रूप से घायल हो गया था जैसे ही दूसरी यूनिट पहुंची उसने उन्हें बताया तथा दम तोड़ दिया। दम तोड़ते वक्त उसने कहा कि भारत माता की जय मैंने देश के दुश्मनों का डटकर मुकाबला किया अंत तक हार नहीं मानी अपना सर्वोच्च बलिदान मैंने दिया अब मैं जा रहा हूं दोबारा यदि मेरा जन्म हो तो मैं पुनः सैनिक ही बनना चाहूंगा भारत माता की जय कहकर उसने दम तोड़ दिया। जब उसके बलिदान की सूचना उसके पिता को मिली तो उन्होंने कहा कि उन्हें कुणाल पर गर्व है उसके बलिदान पर गर्व है समस्त भारत को उसके बलिदान पर गर्व है उसका अंतिम संस्कार पूरे सैनिक सम्मान के साथ किया गया। उसके पिता ने कहा कि मेरा बेटा देश के काम आया अंत तक उसने देश की रक्षा की इस बात पर मुझे गर्व है मैंने दूसरा बेटा भी सेना में ही भेजा है जो देश सेवा ही कर रहा है वह भी देश का ही काम कर रहा है। कुणाल को मृत्यु उपरांत उसे वीरता पुरस्कार मिला उसके पिता ने उसे प्राप्त किया प्रत्येक भारतीय उस पर गर्व करता है हमें अपने वीर सैनिकों पर गर्व है जो देश की सुरक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देते है स्वयं कठिन परिस्थितियों में काम करते हैं हमें सुरक्षित रखते है यह है एक सैनिक के सर्वोच्च बलिदान की कहानी। यह हमें प्रेरणा देती है कि कैसे एक सैनिक देश सेवा करता है और देश की सुरक्षा करता है



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