अपमान का बदला
अपमान का बदला
राम नगर मे विशाल नाम का एक वकिल रहता था। विशाल शहर का एक नामी क्रिमिनल लायर थे। अपने कैरियर मे कई केस को चुटकी मे हल कर चुके थे। बड़े बड़े राजनेताओं से उनका गहरा वा मधुर संबंध था। विशाल का इकलौती लडकी विम्मी कालेज मे पढ़ाई करती थी। बाप शहर का सबसे बड़ा क्रिमिनल लायर था इसलिए शान से कार से वो कॉलेज जाती थी। उनके साथ विलास वा विद्या नाम के दोस्त भी साथ मे पढ़ाई करते थे।विम्मी बहुत खूबसूरत थी।विलास मन ही मन विम्मी को चाहने लगा था पर विम्मी विलास को पसंद नही करती थी।विलास एक सामान्य परिवार का लड़का था उनके पिता जी साधारण सब्जी व्यापारी था उनका और विलास का धन से भी कोई मेल नहीं खाता था ।
उधर विद्या भी एक साधारण परिवार की लड़की थी जो विलास को दिलो जान से चाहती थी लेकिन विलास तो विम्मी के पीछे पागल था। एक दिन विलास ने कालेज मे सबके सामने विम्मी को प्रपोज किया लेकिन विम्मी ने उसे तमाचा जड़ दिया और उसने ये भी कहा कि कहां तुम और कहां मैं, कभी आईने मे चेहरा देखा है लंगूर के औलाद। उसने विद्या को भी उनके चेहरे का मजाक उड़ाया करती थी। विद्या कद काठी में थोड़ी छोटी थी और सुंदर भी नही थी। वो इस अपमान का बदला लेने के फिराक मे थी । मौका मिला तवा गरम था उसने विलास को भड़काना चालू कर दिया और फिर दोनो ने मिलकर उनके मर्डर की योजना बनाई। अगले दिन विद्या ने विम्मी से जाकर ये कहा कि कल के घटना के लिए विलास बहुत शर्मिंदा है और वो आपसे माफी मांगना चाहता है।
विम्मी समझ नहीं पाई कि उनके इरादे ठीक नही है। वो चलने के लिए तैयार हो गई। विम्मी ने कहा की आप चौक में मेरा इंतजार कीजिए मै घर से आ रही हूं। कुछ देर बाद विम्मी अपने कार को खुद ड्राइव करती हुई आई। विलास और विद्या दोनो इंतजार मे थे। जैसे ही विम्मी कार से पहुंची दोनो गेट खोकर पीछे सीट पर बैठ गए। विम्मी ने पूछा कि बताओ अब कहां चले विलास भाई। तब उसने कहा की समीप मे ग्लास गार्डन है वही चलो पास मे कैफे है वहां कॉफी पीते है। मौका मिलते ही दोनो ने बहाने बनाकर सुनसान जगह पर कार को रूकवाया। दोनो विम्मी को पीछे से कसकर पकड़ लिया और गला घोट कर मार डाला । शव को बोरे में भरकर पास के झाड़ी में फेक दिया। चूंकि विम्मी को अपने सुंदरता पर इतना घमंड था की जिसकी कोई सीमा नहीं थी। वह हमेशा दूसरों को नीचा दिखाने का प्रयास करती थी। किसी की सुंदरता का हमे कभी मजाक नही उड़ाना चहिए क्योंकि रूप प्रकृति की देन है।
माना कि विलास ने गलत किया लेकिन उसे सबके सामने थप्पड़ मारना गलत था। उनको लगा था कि उनके बाप का जान पहचान चारो तरफ है इसलिए उनका कोई कुछ नही बिगाड सकता है यही अहम भाव उन्हें ले डूबा। शहर का जाने माने क्रिमिनल लायर अपने इकलौते बेटी को भी नही बचा सका। हालांकि बाद मे दोनो पकड़े गए लेकिन पैसा का रूतबा और घमंड के कारण विम्मी को
इस जहां से रुखसत होना पड़ा। इसलिए अपने बच्चो को अच्छा संस्कार दे नही तो आपके बच्चे का भी वही हाल होगा जो विम्मी का हुआ था। इस कहानी से हमे यही सिख मिलता है की कभी भी अभियन ना करे और ना ही किसी का हंसी उड़ाए।