अनुत्तरित
अनुत्तरित
सारे शहर में हल्ला मचा हुआ था। बड़ी बेदर्दी से जालिमों ने एक सत्रह साल की मासूम कली को कुचलकर रौंद डाला था और फिर गला दबाकर हत्या भी कर दी थी।
जहां लोग इस दर्दनाक हादसे से दुखी और डरे हुए थे वहीं कुछ बदतमीज लोग ऐसे भी थे जो कह रहे थे कि लड़की का चाल चलन ही खराब था क्योंकि जीन्स जो पहने हुए थी।
कुछ ही दिनों में एक साल भर से छोटी लड़की भी भेड़िए का शिकार बन गई। उस फूल सी बच्ची की बंद होती आंखों में एक ही प्रश्न था कि मेरा चाल चलन तो खराब नहीं था फिर मेरे साथ ऐसा क्यों हुआ। पर प्रश्न हमेशा की तरह अनुत्तरित रह गया।