Sandeep Sharma

Romance

4  

Sandeep Sharma

Romance

अनुराग की करुणा

अनुराग की करुणा

4 mins
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सीमा और करुणा, दोनों एक ही ऑफिस में काम करती हैं। पहले दोनों अलग-अलग रहतीं थीं। कुछ दिनों बाद एक ही फ्लैट में रहने लगी। सीमा आधुनिक तौर-तरीकों वाली लड़की है जबकि करुणा परंपरागत विचार वाली है। जब दोनों एक साथ रहने लगती हैं तो एक दिन करुणा को खबर मिली कि जिस लड़के से उसकी शादी होने वाली होती है वह लड़का कोरोना वायरस का शिकार हो जाता है। करुणा की मानसिक स्थिति खराब हो जाती है। सीमा उसे समझाती है कि यदि शादी के बाद ऐसा हो जाता तो तेरा क्या हाल होता। ईश्वर जो करता है अच्छा ही करता है। 

इसी बीच शहर में लॉक डाउन हो जाता है। दो दिन बाद उनका राशन खत्म होने वाला है। सीमा अपने एक सहकर्मी को फोन करके राशन की व्यवस्था करने को कहती है। अनुराग किसी तरह से व्यवस्था करता है। अनुराग राशन लेकर सीमा के फ्लैट पर शाम के समय पहुंचता है लेकिन तभी पुलिस का अनाउंसमेंट होता है कि उनके इलाके को सील कर दिया गया है। कोई भी व्यक्ति बिना वजह घर से बाहर न निकले।

 अनुराग फ्लैट में ही रहने के लिए मजबूर हो जाता है। अनुराग सीमा का दोस्त है। खाना खाने के बाद सीमा और अनुराग आपस में बातें करते हैं। करुणा यह सब देख लेती है। वह अपने कमरे में आ कर बेचैन हो जाती है। उसकी समझ में नहीं आता कि वह क्या करें। उसके मन में अपने पूर्व प्रेमी को लेकर बेचैनी बढ़ने लगती है। वह सोचती है कि काश वो जिंदा होता तो आज वह भी उसके साथ खुशी के पल गुजार रही होती। दो दिन ऐसे ही गुजर जाते हैं। तीसरी शाम सीमा अनुराग के कान में कुछ कहती है। सुनकर अनुराग उदास हो जाता है। करुणा पानी लाने के लिए किचन में जाती है तो सीमा साफ शब्दों में अनुराग से कहती हैं - "आज वह करुणा बहुत उदास है। तुम कुछ देर उसका मन बहला दो। शायद उसका दुख कुछ कम हो सके।" अनुराग तैयार नहीं होता। वो कहता है - "कहीं कुछ उल्टा-सीधा हो गया तो लेने के देने पड़ सकते हैं।"

सीमा उसे समझाती है तभी करुणा आ जाती है। दोनों चुप हो जाते हैं।

खाना खाने के बाद करुणा कपड़े बदलने चली जाती है। सीमा और अनुराग बैठे बातें कर रहे हैं। वहां करुणा आती है। उसके कपड़े देखकर सीमा कहती है - "आज तो तू बहुत सेक्सी लग रही है। काश मैं लड़का होती तो...।" 

 सीमा उसका इशारा समझ जाती है। सीमा और अनुराग करुणा को समझाते हैं कि "किसी के चले जाने से दुनिया खत्म नहीं हो जाती। तू खुश रहा कर। हो सकता है ईश्वर ने तेरे लिए कुछ और सोच रखा हो।" एक हफ्ते ऐसा ही चलता रहता है। तीनों बैठकर ढेर सारी बातें करते। स्थिति सामान्य होती है। अनुराग अपने फ्लैट पर चला जाता है। 

एक दिन उनके ऑफिस में एक लेक्चर होता है। लेक्चर देने वाला बताता है कि इस कठिन दौर में मन को शांत रखना बहुत जरूरी है। हमारी आधी समस्या तो हमारे मन के कारण पैदा होती हैं। खुश रहिए और अपने दोस्तों के साथ हमेशा बातचीत करते रहिए। खासतौर पर युवा को मानसिक विकारों से बचना चाहिए। उन्हें अपनी आदत बदलनी चाहिए। 

 उस शाम अनुराग सीमा के फ्लैट पर आता है। तीनों ऑफिस में हुए लेक्चर पर बातें करते हैं। तीनों के अपने-अपने मत हैं। अनुराग रात में वहीं रुक जाता है। यह सब काफी दिनों तक चलता रहता है। कुछ दिनों बाद पता चलता है कि अनुराग कोरोना पॉजिटिव है। सीमा और करुणा दोनों डर जाती हैं। डर की वजह से दोनों किसी को ये नहीं बतातीं कि अनुराग अक्सर उनके पास आता रहता है। ऑफिस में सभी का कोरोना टेस्ट होता है। इत्तेफाक से सीमा और करुणा निगेटिव आती हैं। दोनों राहत की सांस लेती हैं। अनुराग ठीक हो जाता है। वह फोन पर सीमा से बात करता है। सीमा कुछ दिन उसे आराम करने की सलाह देती है और उसे अपने पास आने के लिए मना करती है। एक दिन सीमा अपने दिल की बात अनुराग से कहती हैं। अनुराग कुछ नहीं कहता। सीमा अनुराग पर दबाव बनाने की कोशिश करती है लेकिन अनुराग हमेशा कुछ-न-कुछ बहाना बनाकर टाल देता था। सीमा परेशान हो जाती है। उस दिन सीमा को झटका लगता है जब अनुराग उसे कहता है कि "हम एक अच्छे दोस्त हैं। मैंने शादी के बारे में कभी कुछ सोचा ही नहीं बल्कि उस नज़र से कभी देखा ही नहीं।"

 करुणा सीमा की उदासी का कारण पूछती है तो सीमा बस इतना ही कहती है - "इनसान सोचता कुछ है और होता कुछ और है। नियति बड़ी क्रूर होती है। इसमें करुणा नहीं होती।" करुणा सीमा को समझाती है कि अनुराग में करुणा की सीमा नहीं होती। वो तो बस नियति के वशीभूत होकर अपने दायित्वों को पूरा करने में व्यस्त रहता है।

 सीमा को करुणा की बात का मतलब तब समझ में आया जब उसे पता चला कि करुणा और अनुराग दोनों ने शादी कर ली है।


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