अनसुलझे मर्डर्स अध्याय-6
अनसुलझे मर्डर्स अध्याय-6
(पिछले अध्याय में हमने पढ़ा कि करन के बोतल से पानी पीते ही उसकी मौत हो जाती है, और अब आगे।)
(घर का माहौल अचानक से बदल जाता है।)
सीमा (रोते हुए)- करन................। तुम मुझे छोड़कर नहीं जा सकते।
विराज- संभालिए भाभी जी आप अपने आपको।
अमर- सीमा जी धीरज से काम लीजिए करन सिर्फ बेहोश हुआ है उसे कुछ नहीं हुआ है। (फिर वह करन की नब्ज चेक करता है लेकिन करन तो मर चुका था।)
(सीमा रोते रोते बेहोश हो जाती है आवाज सुनकर निखिल नीचे आ जाता है, पर विराज उसको वापस ऊपर ले जाता है।)
निखिल- अंकल मम्मी क्यों रो रहीं है, मुझे मम्मी पास जाना है।
विराज- निखिल आपकी मम्मी ने कॉकरोच देख लिया था जिस वजह से वो डर गई उन्हें कुछ नहीं हुआ, चलो हम ऊपर चलकर टीवी देखते है।
अफजल- पहले अभिनव, फिर संजय और अब करन भी हमे छोड़कर चला गया, ये हो क्या रहा है।
अमर- मेरी तो ये समझ में नहीं आ रहा कि करन हमारे साथ बैठे थे पानी पीते ही इन्हें अचानक से क्या हो गया।
रवि- इस पानी की बोतल में तो कुछ नहीं।
अमर- पानी तो कपूर साहब ने भी पिया था उन्हें तो कुछ नहीं हुआ। रवि अब तुम बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भेजो और इस बोतल को भी टेस्टिंग के लिए भेजो।
(विराज नीचे आ जाता है।)
विराज- बड़ी मुश्किल से उसे ऊपर छोड़कर आया हूं बार बार नीचे आने की जिद करता है मैने बोला कि आपके पास इंस्पेक्टर साहब के साथ जरूरी बात कर रहे है तब जाकर माना है।
अमर- मुझे अभी चलना होगा, मुझे इस केस की तह तक पहुंचना है ये कौनसी बला है जो हमारे सामने बैठे आदमी को ही मार देती है। सीमा जी और निखिल का ध्यान रखने के लिए आप कुछ समय के लिए यहां रुक जाइए और हो सके तो आप इनके घर में से किसी को फोन करके बुला लीजिए।
विराज- मैने अपनी पत्नी को फोन कर दिया है वो यहां आ रही है और हम रुके है यहां पर।
अफजल- इंस्पेक्टर साहब आप जल्द से जल्द उस हत्यारे का पता लगाइए ऐसा न हो कि वो हम में से किसी को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करे।
अमर- आप चिंता मत कीजिए खान साहब।
विराज- चिंता की बात तो है ही इंस्पेक्टर साहब आपने ये बात अभिनव, संजय और करन से भी तो कही थी पर आप उन्हें तो नहीं बचा पाए तो आप हमे कैसे बचाएंगे।
अमर- मैं मानता हूं की उन लोगों को मैं नहीं बचा पाया पर मैने उनको बचाने की पूरी कोशिश की थी पर उनकी मौत भी तो रहस्यमय तरीकों से हुई।
(तभी अमर का फोन बजता है, फोन डीएसपी श्रीकांत का था।)
अमर (फोन पर बात करते हुए)- जय हिंद सर।
श्रीकांत- जय हिंद। करन ने तुम्हे फोन क्यों किया था।
अमर- उनकी जान खतरे में थी इसलिए.....
श्रीकांत (बीच में बात काटते हुए)- तो तुम्हे उनकी जान हर हालत में बचानी है।
अमर- पर अब वो इस दुनिया में नहीं रहे।
श्रीकांत (चिल्लाते हुए)- क्या तुम अपने काम को सीरियसली नहीं ले रहे हो अमर तुम्हे तीन लोगों को बचाने की ड्यूटी मिली थी और तुम एक को भी नहीं बचा सके। तुम अभी मेरे ऑफिस आओ।
अमर- मैं अभी पहुंचता हूं सर।
(फोन कट जाता है।)
अमर- रवि मैं जीप लेकर डीएसपी ऑफिस जा रहा हूं तुम बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर सीधे वहां आ जाना।
रवि- ठीक है साहब।
(अमर चला जाता है और कुछ देर में वह डीएसपी ऑफिस पहुंच जाता है।)
श्रीकांत (अमर को देखकर)- आ गए एक और बड़ी हस्ती को मारकर।
अमर- सर मैं क्या करता चौधरी साहब की मौत भी रहस्यमय तरीके से हुई।
श्रीकांत- अब वो कैसे मरा।
अमर- वो एक पानी की बोतल पीकर मारे गए और उस बोतल में से पानी उनके दोस्त कपूर साहब ने भी पिया था उन्हें तो कुछ हुआ नहीं। अब आप ही बताइए इसमें मेरी क्या गलती है।
श्रीकांत- मुझे कुछ नहीं पता पर अब मैं उन दोनों की सिक्योरिटी की जिम्मेदारी तुम्हे नहीं दे सकता। उसके लिए मैने सीआईडी ऑफिसर इंस्पेक्टर भारत को चुना है अब तुम्हे उनके अंडर रहकर काम करना है। वो बस आता ही होगा।
(तभी इंस्पेक्टर भारत वहां पर आ जाता है।)
श्रीकांत- लो भारत भी यहां आ गया।
अमर- जय हिंद सर।
भारत- जय हिंद।
श्रीकांत- अमर तुम्हे पता है इंस्पेक्टर भारत ने बड़े से बड़े केस को अपनी सूझ बूझ और तेज दिमाग से सॉल्व किया है, आज से तुम इनके अंडर रहकर काम करोगे।
अमर- जैसा आप कहे।
श्रीकांत- अब भारत के साथ जाओ और उसे इस केस से जुड़ी सारी बातें बताओ।
(दोनों वहां से भारत के ऑफिस के लिए निकलते है रास्ते में अमर भारत को केस से जुड़ी पूरी जानकारी देता है। कुछ देर में वो भारत के ऑफिस पहुंच जाते है।)
भारत- इन पांचों का पुराना रिकॉर्ड कैसा है।
अमर- रिकॉर्ड तो इन सभी का अच्छा है पर एक साल पहले इन पांचों पर रश्मि सिंघानिया नाम की एक महिला ने इनपर अपने पति की हत्या और उनके कार का मॉडल चुराने का आरोप लगाया था।
भारत- थोड़ा डिटेल में बताओ।
अमर- ऐसा हुआ था कि सिंघानिया साहब एक कार मैन्युफैक्चरर थे वो नई नई डिजाइन की कार लॉन्च किया करते थे लेकिन एक साल पहले उनकी मौत हो गई और उनकी पत्नी ने इन पांचों पर आरोप लगाया था पर कोर्ट में इन्हें ही दोषी पाया और इन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
भारत- मैने सुना है कि उन्होंने जेल में खुदकुशी कर ली थी।
अमर- जी हां सर पर उन्होंने खुदकुशी क्यों की थी इसकी वजह पता ही नहीं चली।
(तभी अमर का फोन बजता है वह फोन अफजल खान का था।)
भारत- किसका फोन है।
अमर- उन्हीं दो में से बचे खान साहब का है।
भारत- फोन उठाओ और स्पीकर पर रखो।
अमर- ठीक है। (अमर फोन उठाता है।) हेलो हां खान साहब।
अफजल- हेलो इंस्पेक्टर साहब। आप जल्द से जल्द मेरे घर आ जाइए मेरी जान खतरे में है।
(एक तेज आवाज के साथ फोन कट जाता है।)
अमर- हेलो हेलो खान साहब।
भारत- अमर हमे जल्दी अफजल के घर पहुंचना चाहिए।
(अमर और भारत दोनों अफजल के घर पहुंचते है लेकिन वहां पहुंचकर उन्हें पता चलता है कि अफजल की भी मौत हो चुकी है वह अपने घर में अकेले रहते थे।)
भारत- ओह माई गॉड।
अमर (दीवार की तरफ इशारा करते हुए)- सर ये देखिए। ये दीवार पर खून से
भारत- (दीवार पर लिखा हुआ पढ़ता है)- अफजल तुम भी अपने दोस्तों की तरह मारे जाओगे और तुम ही नहीं आज रात बारह बजे तक तुम्हारा दोस्त विराज भी मारा जाएगा।
अमर- हमें आने में देर हो गई सर।
भारत- अभी पूरी तरह से देर नहीं हुई है अभी हम विराज को बचा सकते हैं। तुम फोन करके पता करो कि वो कहां पर है और उसे अपने घर पर रुकने के लिए कहो और ये भी कहना हम उससे मिलना चाहते है पर यहां हुई बात अभी उसे मत बताना हम वही जाकर उससे बात करेंगे।
अमर- ठीक है मैं फोन करके बोल देता हूं।
(अमर फोन पर बात करके भारत के कहे अनुसार विराज को घर पर ही रुकने की सलाह देता है। और फिर फोन काट देता है।)
अमर- सर कपूर साहब घर पर ही है और मैने उन्हें वही रुकने के लिए बोल दिया है और ये भी कह दिया है कि हम उनसे मिलने आ रहे है।)
भारत- गुड चलो अब जल्दी हमे विराज के घर पहुंचना है और हर हालत में उसकी जान बचानी है।
(तो दोस्तो आपको क्या लगता है इंस्पेक्टर भारत और अमर विराज कपूर को बचा पाएंगे या फिर वो भी अपने दोस्तों की तरह मारे जाएंगे। यह जानने के लिए हमे पढ़ना होगा अनसुलझे मर्डर्स का आखरी अध्याय, अध्याय- 7)

