Bhavna Bhatt

Abstract

4.5  

Bhavna Bhatt

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अच्छी शिक्षा

अच्छी शिक्षा

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आज से चालीस साल पहले की बात है.. एक छोटे से गांव में ओछवलाल नाम का शाहुकार रहता था बडी हवेली में..

ओछवलाल का बेटा विनु भाई और पूत्रवधू उर्मिला और उनके चारों बच्चों इकठ्ठा रहते थे..

एक दिन दूसरे गांव का तमाकु का वेपारी आया और ओछवलाल दादा को एक लिफाफे में बीस हजार रुपए दिए..

दादा ने बातों बातों में तिजोरी की जगह एक कबड में रखा और अपने कामकाज में भूल गए एक सप्ताह बाद उन्होंने वो रुपए निकालने के लिए कबड खोला तो रुपए नहीं थे..

उन्होंने सारे घरवालों को एक कमरे में इकठ्ठा किया और सबको पुछा कि किसीने रूपए लिए हो वो सच बोले में उसको इनाम के तौर पर उसकी मनपसंद चीज लाकर दुंगा..

में तुम्हारी दिल की कोई भी भावना हो उसे पूर्ण करुंगा...

सभी ने मना किया..

दादा ने फिर कहा बोलो ..

सभी नतमस्तक खड़े रहे..

दादा बोले चोरी करना बहुत बूरी बात है और जो चोरी करता है उसे जेल जाना पड़ता है और जो चोरी करते हैं उनकी दाढ़ी में तिनका निकल आता है ये बात सूनकर तीसरे नंबर के बेटे रमेश ने अपनी दाढ़ी पर हाथ लगाया..

दादा ने रमेश को कहा बोल बेटा चोरी कयु की???

रमेश ने घबराकर रोते रोते कहा मुझे ट्रैक्टर लेना है इसलिए..

दादा कौनसा ट्रैक्टर ???

रमेश जो खेतों में काम आता है मुझे बहुत पसंद है में उस पर बैठकर पूरा गांव घूमूंगा..

दादा :- बेटा जो भी चीज चाहिए वो बड़ों से मांगकर लेनी चाहिए अन्यथा खुद की कमाई से ..

चोरी करना ग़लत है एसी अनोखी शिक्षा दादा ने दी।


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