आशा की किरण
आशा की किरण
सुशील पढ़ाई में पहले से ही होनहार, सब उसकी तारीफ करते, कड़ी मेहनत कर वह प्रतिवर्ष अव्वल नंबरों से उत्तीर्ण होता । इस बार बारहवी बोर्ड की परीक्षा की तैयारी जोरों पर थी, माता-पिता के सपनों पर खरा उतरना था ।
आईएएस अधिकारी की परीक्षा उत्तीर्ण करने का अवसर कभी खोना नहीं चाहता था, पर नियति के लिखे को कोई रोक पाया है भला ? परीक्षा के पहले दिन ही सुशील का गहन एक्सीडेंट हो गया, उसे एकदम घने काले बादलों के अंधियारे ने घेर लिया था कि शिक्षिका परीक्षा का एक अवसर देने आशा की किरण बनकर आई।