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Sushil Pandey

Tragedy

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Sushil Pandey

Tragedy

आपने उसे अभयदान दे रखा हो जैसे

आपने उसे अभयदान दे रखा हो जैसे

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क्या थी मजबूरी जो,उसको ही तुमने गुन लिया,

इंसां नही जो रंजमात्र,उसको ही तुमने चुन लिया।

संत नही हो योगी जी,तुमने ही अधर्मी काम किया,

उन्नाव वाली बेटी का,तुमने ही जीना हराम किया।

आप कैसे आश्वस्त करेंगे प्रदेश वासियों को कि उनको आवश्यक सुरक्षा मुहैया कराने मे आपकी सरकार सक्षम है जबकि आपके ही एक जन-नेता ने जीना दुश्वार कर रखा है?

आप कैसे सांत्वना देंगे मौत से लड़ती उन्नाव की उस बेटी को, जिसे बलात्कारी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के एवज मे सपरिवार मौत की सजा सुना दी गई है?

क्या कह के बहलायेंगे उसके मन को जिसे जिंदगी के आखिरी पड़ाव पर न्याय दिला पाने मे भी आपकी सरकार नाकाम साबित हुई है?

आप कौन सा मुंह लेकर जायेंगे उससे मिलने जिसे आपके राज्य सभा के एक माननीय दरबारी ने ही अपनी अदालत मे मौत की सजा से नवाजा है ?

और वो बदतमीज विधायक उससे वेशर्मी से कहता है कि मै सबको मार दूंगा अगर शिकायत वापस नही लिया तो।

संत का काम तो दुर्बलो का साथ देना होता है पर श्रीमान हमे कुलदीप सिंह सेंगर के पीठ पर आपका हाथ दिख रहा है आपने ही उसे अभयदान दे रखा हो जैसे।

कैसा रामराज्य का सपना देखा था आपने...

कहीं तो आपकी पुलिस राह चलते राहगीर को गोली मार देती है, अपराध को जड़ से समाप्त करने के नाम पर।

कहीं महिला महाविद्यालय के सामने गुजरते किसी भी लड़के को पुलिस उठक-बैठक करवाने लगती है मजनू स्क्वाड के नाम पर। भीड़ जो कमजोरी की मिशाल होती थी जो सिर्फ भाषण सुनने के लिए प्रसिद्ध थी उसने इंसान को पीट-पीटकर कर मार डालना सीख लिया, जिसे आजकल Mob lynching (भीड़ द्वारा की गई हत्या) कहा जाने लगा है और इस शब्द की शुरुआत भी आपके उत्तम प्रदेश मे ही हुआ जब सितंबर 2015 मे भीड़ ने अख़लाक को गाय के मांस का व्यापार करने के संदेह मे पीट-पीटकर मार डाला।

कैसा है उत्तम प्रदेश का सपना और कैसे संत हैं आप ?


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