आपातकालीन बैठक

आपातकालीन बैठक

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कौओं की आपातकालीन बैठक बुलाई गई।एक कौआ ने कहा,तर्पण और श्राद्ध से मनुष्य अपने कर्मों का प्रायश्चित कर लेते हैं।दूसरा कौआ कांव कांव करने लगा और क्रोधित होकर बोला-"अब से हम लोग श्राद्ध में लोगों के घर नहीं फटकेंगे"।तीसरा कौआ उचक कर बीच में आ बैठा और बोला-"भैया आजकल लोग अपने जीवित माता पिता का अनादर करते हैं उन्हें खाने को भी नहीँ देते,बिचारे कह देते हैं हमारा आज उपवास है"।"हां हां यह तो बिल्कुल सही है"एक कौआ बोला।कौओं का मुखिया बोला-"आज आपातकालीन बैठक इसीलिए बुलाई गई है कि श्राद्ध में हम इंसान के घर खीर पूडी खाने नहीं जाएंगे,जो जीवित अवस्था में माता पिता की सेवा करेगा बस उसी के यहां जाएंगे"सभी एक स्वर में कांव कांव कर सहमति जता रहे थे।




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