नई दिशा

नई दिशा

1 min
341


मम्मी देखिए- नदी के किनारे मिट्टी में क्या क्या पडा है।"

"हां बेटा ये तो गणेश जी का सिर और सूंड पडी है और भी कितनी चीजें हैं, उनकी पोषाक हाथ पैर क्षत विक्षत पडे हैं।"

राजू चीखा-"ये रहा गणेश जी का दांत। वाह-वाह मम्मी क्या गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन यहीं नर्मदा किनारे किया जाता है।"

कह कर राजू घूम घूम कर नाचने लगा। मां संगीता दुखी हो कर बोली- "बेटा राजू-"अब हम इतनी बडी प्रतिमा बनाने के लिए चंदा नहीं देंगे।"

"मम्मी हम सब चंदा इकट्ठा कर लेंगे और प्रसाद का पैसा भी।"

"फिर क्या करेगा ?"

फिर हम अपनी कालोनी में शौचालय बनवा देंगे, प्रधानमंत्री की योजना चल रही है घर घर हो शौचालय"।

"हां बेटा तूने खूब सोचा, अब हम अपनी किट्टी में भी यही अभियान चलाएंगे, हमारी बाइयों को बहुत तकलीफ होती है। कालोनी में शौचालय नहीं है, उनको सुविधा हो जाएगी।

"हां मम्मी इससे नर्मदा किनारे सफाई भी रहेगी, इतनी गंदगी भी नहीं होगी।"

"हां बेटा तू ठीक कह रहा है।"

ऐसा कहते हुए संगीता और राजू तेजी से घर की ओर मुड़े।

नर्मदा किनारे के गणेश विसर्जन के दृश्य ने दोनों को नई दिशा दे दी थी।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama